मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
पहले 481 से 490 तक 👇
'द' से शुरू होने वाले मुहावरे :
481. दीन दुनिया भूल जाना – (सुध बुध न रहना) – गौतम बुद्ध ध्यान लगाने में दीन दुनिया को भूल गये ।
482. दिया लेकर ढूँढना – (परेशान होकर ढूँढना) – आजकल ईमानदार व्यक्ति दिया लेकर ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे ।
483. दुनिया की हवा लगना –(सांसारिक अनुभव होना) – जब से उसे दुनिया की हवा लगी है वह हम को भूल गया है ।
484. दुम दबाकर भागना – (कायर होना)- युद्ध में पाकिस्तानी सैनिक दुम दबाकर भाग गये ।
485. दूज का चाँद होना – (मुश्किल से दिखना) – अरे भाई तुम तो दूज का चाँद हो गये हो आजकल दीखते ही नहीं हो ।
486. दूध का दूध पानी का पानी करना– (सही न्याय करना) – न्यायधीश के फैसले ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया ।
487. दूध की लाज रखना – (माँ का सम्मान रखना) – पुष्प के बेटे ने उसके दूध की लाज रख ली ।
488. दूध की नदियाँ बहाना – (संपन्नता की भरमार होना) – वह तो अब इतनी उन्नति पर है की उनके यहाँ पर दूध की नदियाँ बहती हैं ।
489. दूध के दांत न टूटना – (अनुभवहीन होना) – गणेश अभी तुम्हारे दूध के दांत नहीं टूटे हैं पर मैंने ये दुनिया देखी है ।
490. दूधो नहाओ पूतो फलो – (धन और संतान मिले) – एक माँ ने अपने बेटे से कहा दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
पहले 491 से 500 तक 👇
'द' से शुरू होने वाले मुहावरे :
491. दो दिन का मेहमान – (जल्दी मरनेवाला) – तुम उससे कुछ मत कहना वह तो बेचारा दो दिन का मेहमान है ।
492. दो नावों पर पैर रखना – (दो विरोधी काम साथ करना) – सुमेस दो नावों पर सवार होने वाले कभी भी मर सकते हैं ।
493. द्रविड़ प्रणायाम करना – (बात को घुमाकर कहना) – रानी हर बात को दूसरों से द्रविड़ प्रणायाम करने को कहती है ।
494. दौड़ धूप करना – (बहुत प्रयास करना) – उसने बहुत दौड़ धूप की पर उसे नौकरी नहीं मिली ।
495. दिन में तारे दिखाई देना – (घबरा जाना) – जब मैंने उसे मारा तो उसे दिन में तारे दिखाई दे गये ।
496. दो-दो हाथ करना – (युद्ध करना) – कृष्ण ने कंस से खा की आओ दो-दो हाथ करते हैं ।
497. द्रोपदी का चीर होना – (अनंत होना) – तुम्हारा यह काम तो द्रोपदी का चीर हो गया है ।
498. दिमाग आसमान पर चढना –(ज्यादा गर्व होना) – तुम राहुल से बात मत किया करो उसका दिमाग तो आसमान पर चढ़ रहा है ।
499. दोनों हाथों में लड्डू होना – (बहुत लाभ होना) – क्या करें उसके तो दोनों हाथों में लड्डू है ।
500. दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना – (दूसरे के माध्यम से काम करना) – अक्षय तो उन व्यक्तियों में से है जो दूसरों के कंधे पर रखकर बंदूक चलते हैं ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
आज 501 से 510 तक 👇
'द' से शुरू होने वाले मुहावरे :
501. दिल छोटा करना – (दुखी होना) – बहन दिल छोटा मत करो तुम्हारा बेटा जल्द ही घर लौट आएगा ।
502. दिन फिरना – (समय बदलना) – क्या करें जब से उसने भगवन को नमन करना शुरू किया है उसके तो दिन ही फिर गये ।
503. दबे पाँव चलना – (कोई आहट न करना) – अरे भाई दबे पाँव चलना अगर किसी को पता चल गया तो बहुत पिटाई होगी ।
504. दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना – (छोटी बात के लिए बड़ा दंड देना) – राजा कंस के सैनिक दमड़ी क लिए चमड़ी उधेड़ लेते हैं ।
505. दम तोड़ देना – (मर जाना) – अनुज भगवान के दर्शन करने गया था लेकिन उसने भगवान के मन्दिर में ही दम तोड़ दिया ।
506. दाँत पीसना – (गुस्सा करना) – रामू के पिता जी हमेशा उस पर दांत पिसते रहते हैं ।
507. दाँत पीसकर रहना – (गुस्सा होकर चुप रहना) – संजय के भाई ने उसे मरने के लिए कहा लेकिन वह दांत पीसकर रह गया ।
508. दाँत उखाड़ना – (कड़ा दण्ड देना) – सैनिकों ने उसके सारे दांत उखाड़ दिए लेकिन वह तब भी नहीं माना ।
509. दाहिना हाथ होना – (भारोषेवाला व्यक्ति) – नानू अपने मालिक का दाहिना हाथ था लेकिन वह मारा गया ।
510. दामन पकड़ना – (सहारा लेना) – राकेश ने सहारा लेने के लिए अपने बड़े भाई का दामन पकड़ लिया ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
पहले 511 से 518 तक 👇
'द' से शुरू होने वाले मुहावरे :
511. दाव खेलना – (धोखा देना) – शकुनी ने पांडवपुत्रों के खिलाफ दाव खेला और उसमे सफल हो गया ।
512. दीदे का पानी ढल जाना – (बेशर्म होना) – हुमायु तो मानो दीदे के पानी ढलने के हैं ।
513. दिमाग खाना – (बकवास करना) – नैन्सी मेरा दिमाग मत खाओ मुझे बहुत काम है ।
514. दिल बढ़ाना – (साहस भरना) – आजकल लोग किसी के भी दुःख में उसका दिल नहीं बढ़ते है ।
515. दिल टूटना – (साहस टूटना) – अपनी प्रेमिका के मर जाने से उसका दिल बिलकुल टूट गया ।
516. दुकान बढ़ाना – (दुकान बंद करना) – मेरे पिताजी ने कहा की दुकान को बढ़ा क्र घर आ जाना ।
517. दिल दरिया होना – (उदार होना) – क्या करें बिचारे का दिल दरिया था इसलिय पिघल गया ।
518. दूर के ढोल सुहावने – (दूर से अच्छा होना) – लोग कहते हैं की दूर के ढोल ही सुहावने लगते हैं वरना सब एक जैसे होते हैं ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
आज 581 से 590 तक 👇
' प 'से शुरू होने वाले मुहावरे :
581. प्राणों की बाजी लगाना – (बहुत साहस करना) – भारतीय सेना ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर युद्ध जीता था ।
582. पोल खोलना – (राज प्रकट करना) – सब लोगों ने मिलकर सलमान की पोल खोल दी ।
583. पसीना-पसीना होना – (थक जाना) – आज श्याम ने सारा दिन काम किया जिससे वह पसीना पसीना हो गया ।
584. पहाड़ टूट पड़ना – (विपदा आना) – उसके इकलौते बेटे की मौत से उस पर तो दुखों का फाड़ टूट पड़ा ।
585. पाँचों उँगलियाँ घी में होना – (सब जगह से लाभ होना) – सरकार को गरीब की परवाह क्यूँ होगी उनकी तो पाँचों उँगलियाँ घी में होती है ।
586. पानी फेर देना – (निराश कर देना) – मैंने इतनी मुश्किल से लोगों को तुम्हारी नौकरी के लिए राजी किया था लेकिन तुमने सारे किये कराये पर पानी फेर दिया ।
587. पानी पी पीकर कोसना – (गलियां देते जाना) – मैंने उसे जरा सा कुछ कह क्या दिया वह तो मुझे पानी पी पीकर कोसने ही लगा ।
588. पापड़ बेलना – (व्यथ जीवन बिताना) – सरकारी नौकरी पाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते है ।
589. पेट बाँधकर रहना – (भूखे रहना) – वह अपने बच्चों को खिलने के लिए खुद पेट बाँधकर रह रहा है ।
590. पेट में दाढ़ी होना – (दिमाग से चतुर) – कुछ लोग सिर्फ सकल से भोले होते हैं लेकिन उनके पेट में दाढ़ी होती है ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
' प 'से शुरू होने वाले मुहावरे :
👇 सिर्फ 601
601. पानी पीकर जाति पूंछना – (काम होने के बाद उसकी सभ्यता का निर्णय करना) – तुम लोग उसे नहीं जानते वह तो पानी पीकर जाति पूंछ लेती है ।
'फ' से शुरू होने वाले मुहावरे :
👇602 से 610 तक
602. फंदे में पड़ना – (धोखा खाना) – झगड़ा किसी और का था लेकिन फंदे में वह पड़ गया ।
603. फटेहाल होना – (बुरी हालत होना) – आजकल लोग गरीबी की वजह से फटेहाल हो गये है ।
604. फूंक से पहाड़ उड़ाना – (कम शक्ति से बड़ा काम होना) – तुम फूंक से पहाड़ उड़ने की बात मत करो यह तुम्हारे बस की बात नहीं है ।
605. फूटी आँखों न भाना – (अप्रिय होना) – सुप्रिया को अपना सौतेला बेटा फूटी आँख नहीं भाता है ।
606. फेर में डालना – (मुश्किल में डालना) – उसने किसी एक का चुनाव करने की कहकर मुझे फेर में दाल दिया ।
607. फूलकर कुप्पा होना – (खुशी से इतराना) – जब वह अपने बचपन के दोस्त से मिला तो वह फूलकर कुप्पा हो गया ।
608. फट पड़ना – (एकदम से गुस्सा आना) – जगमोहन एकदम से गुस्से से फट पड़ा ।
609. फूंक फूंक क्र कदम रखना – (सावधानी देखना) – आजकल के लोग फूंक फूंककर कदम रखते हैं ।
610. फूलना-फलना -(धन और कुल होना) – एक माँ ने अपने बेटे से आशीर्वाद देते समय कहा की फूलो – फ्लो ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
'ब' से शुरू होने वाले मुहावरे :
621 से 630 तक 👇
' 621. बातों में आना – (धोखा खाना) – तुम लोग सोहन की बातों में आ जाते हो वह तो धोखेबाज है ।
622. बाल बाँका न होना – (हानि न होना) – संजना के प्रेमी ने उससे कहा कि वह उसका बाल भी बाँका नहीं होगा ।
623. बाल की खाल निकलना – (बिना मतलब की बात करना) -बात की खाल निकलने से अच्छा अपने अपने काम में ध्यान दो ।
624. बासी कढ़ी में उबाल आना – (बुढ़ापे में जवानी की आशा करना) – आजकल लोगों में बासी कढ़ी में उबाल आने की बातें होती हैं ।
625. बीड़ा उठाना – (जिम्मेदारी लेना) – सूर्य पुत्र कर्ण ने अंग देश की प्रजा को आजादी दिलाने का बीड़ा उठाया था ।
626. बुखार उतारना – (गुस्सा करना) – सोहन के पिता ने कहा कि वे दो मिनट में मेरा बुखार उतार देंगे ।
627. बेडा पार लगाना – (मुसीबत से निकालना) – अब तो भगवान ही हमारा बेडा पर लगा सकते हैं ।
628.बे सिर पैर की बात करना – (बिन मतलब की बात करना) – तुम लोग बे सिर पैर की बातें करना छोड़ो और अपना अपना काम करो ।
629. बेवक्त की शहनाई बजाना –(अवसर के खिलाफ काम करना) – वे लोग तो उल्टे हैं बेवक्त की शहनाई बजाते रहते हैं ।
630. बोलती बंद करना – (बोलने नहीं देना) – मैंने गलत काम करने के लिए मना किया लेकिन वह नहीं माना तो मैंने उसकी बोलती बंद कर दी ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
'ब' से शुरू होने वाले मुहावरे :
631 से 644 तक 👇
631. बौछार करना – (अधिक देना) – कन्यादान करते समय लडकी के पिता ने पैसे की बौछार कर दी ।
632. बन्दर घुड़की – (बेकार धमकी देना) – तुम बन्दर घुड़की मत दिया करो तुम से कुछ नहीं होगा ।
633. बखिया उधेड़ना – (राज खोलना) – 1921 में महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों की बखिया उधेड़ दी ।
634. बछिया का ताऊ – (मूर्ख) – वह तो बछिया का ताऊ है जिस टहनी पर बैठा है उसी को काट रहा है ।
635. बड़े घर की हवा खाना – (जेल जाना) – सतवीर ने शराब का काम किया और फस गया तो उसे बड़े घर की हवा खानी पड़ी ।
636. बल्लियों उछलना – (बहुत खुश होना) – क्रिकट में जितने पर भारत के खिलाडियों ने बल्लियाँ उछाल दी ।
637. बाएँ हाथ का खेल – (आसान काम) – तुम लोग इसे बाएँ हाथ का खेल मत समझो यह बहुत मुश्किल काम है ।
638. बाँछे खिल जाना – (बहुत खुश होना) – पवन को देखते ही उसके तो बाँछे खिल गये ।
639. बाजार गर्म होना – (धंधा अच्छा चलना) – आजकल तो बाजार बहुत गर्म हो रहा है इसमें बहुत लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है ।
640. बात का धनी होना – (वादे का पक्का होना) – कार्तिक तो बात का धनी है जो ख देता है पूरा करता है ।
641. बिल्ली के गले में घंटी बंधना –(खुद को परेशानी में डालना) – जब लोग बिल्ली के गले में घंटी बाँधते रहते हैं ।
642. बेपेंदी का लोटा – (पक्ष बदलने वाला) – अनीता तो दोनों तरफ अपनी बातें सुनती है वह तो बेपेंदी के लोटे की तरह है ।
643. बगुला भगत – (छलने वाला) – भरत की मत पूछो वह उपर से सीधा है लेकिन अंदर से बगुला भगत है ।
644. बहती गंगा में हाथ धोना – (दूसरे के काम से लाभ उठाना) -जब वह अपना काम करवाने गया था तो मैंने भी उसका काम बनता देख अपना भी काम बना लिया यह तो बहती गंगा में हाथ धोने वाली बात है ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
719 से 727 तक 👇
'र' से शुरू होने वाले मुहावरे :
719. रोटी के लाले पड़ना – (खाने को तरसना) – अन्न जल उठने से उसको रोटी के लाले पड़ गये हैं ।
720. रोड़ा अटकना – (बाधा पड़ना) – अच्छे काम में हमेशा रोड़ा अटकता है ।
721. रौनक जाना – (चमक खत्म होना) – बच्चों के चले जाने से घर की रौनक भी चली जाती है ।
722.रंगा सियार होना – (धोखा देने वाला) – कुछ लोगों का कोई भरोसा नहीं होता वे रंगा सियार जैसे होते हैं ।
723. रोम रोम खिलना – (बहुत खुश होना) – अपने परिवार से फिर मिलकर उसका तो रोम रोम खिल उठा ।
724. रसातल चला जाना – (बिलकुल खत्म होना) – आग लगने से लाक्षाग्रह का रसातल चला जाता है ।
725. रीढ़ टूटना – (आधार खत्म होना) – बेटे के मरने से उसका तो मानो रीढ़ ही टूट गया हो ।
726. रोटियां तोडना – (बैठकर खाना) – वह बेरोजगार है उसे रोटियां तोड़ने के सिवा कोई और काम नहीं है ।
727. रोना-रोना – (दुःख सुनाना) – जब कभी भी हम दूसरों के घर जाते हैं तो उनका रोना रोना ही लगा रहता है
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
728 से 740 तक 👇
'ल' से शुरू होने वाले मुहावरे :
728. लाल पीला होना – क्रोधित होना – अधिक लाल पीला होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।
729. लोहे के चने चबाना – अत्यधिक कठिन कार्य – पढना आसन नहीं वरन लोहे के चने चबाना है ।
730. लंबी तानना – (सोना) – कुंभकर्ण लम्बी तान कर सोया कर्ता था उसे जगाना बहुत मुश्किल हो जाता था ।
731. लकीर का फकीर होना – (अन्धविश्वासी होना) – जो भगवान की जगह ढोंगियों पर विश्वास करता है वह लकीर का फकीर हो जाता है ।
732. लपेट में आ जाना – (घिरना) – पांडवों को मारने वाले आग की लपेट में आ गये थे ।
733.लंबी चौड़ी हाँकना – (डींगें हाँकना) – बात तो छोटी थी लेकिन कुशल ने उसे लम्बी चौड़ी हंकनी शुरू कर दी ।
734. लल्लो चप्पो करना – (खुशामद करना) – कभी भी बच्चों के पीछे लल्लो चप्पो नहीं करना चाहिए वे बिगड़ जाते हैं ।
735. लड़ाई में काम आना – (लड़ते हुए मरना) – बहुत से सैनिक युद्ध में काम आये लेकिन फिर भी युद्ध को जीता नहीं जा सका ।
736. लहू का प्यासा होना – (मरने पर उतरना) – वह तो लहू का प्यासा हो गया है किसी भी तरह से शांत नहीं हो रहा है ।
737. लुटिया डुबोना – (नष्ट करना) – पवन ने बने बनये काम की लुटिया डुबो दी ।
738. लोहा मानना – (हारना) – महात्मा गाँधी ने विदेशियों से लोहा मनवा लिया था ।
739. लोहा नहीं मानना – (हार न मानना) – भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना से अभी तक लोहा नही माना है ।
740. लेने के देने पड़ना – (नुकसान होना) – पिताजी ने काम शुरू किया लेकिन काम में लेने के देने पड़ गये ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
आज 741 से 750 तक 👇
'ल' से शुरू होने वाले मुहावरे :
741. लंगोटी में फाक खेलना – (कम साधन होते हुए भी विलासी होना) – घर में वस्तु न होते हुए भी लंगोटी में फाक खेलने से कोई फायदा नहीं है ।
742. लाख से लाख होना – (सब कुछ नष्ट होना) – लाक्षाग्रह में आग लगने की वजह से सब लाख से लाख हो गया था ।
743. लाले पड़ना – (मुहताज होना) – उसके लिए दाने दाने के लाले पड़ रहे है वह पता नहीं अपना पेट कैसे भरता होगा ।
744. लंगोटिया यार – (बचपन का दोस्त) – स्याम और घनस्याम दोनों लंगोटिया यार हैं एक दूसरे के लिए जान भी दे सकते हैं ।
745. लहू होना – (मुग्ध होना) – वह तो हर किसी की बातों पर लहू हो जाता है ।
746. लग्गी से घास डालना – (दूसरों पर गेरना) – जब लोगों ने सुधा को नशा करते देखा तो उसने लग्गी से घास डालना शुरू कर दिया ।
747. लट्टू होना – (मोहित होना) – वह उसके रूप को देखकर उस पर लट्टू हो गया ।
748. ललाट में लिखा होना – (भाग्य में होना) – जो कुछ हुआ वो हमारी ललाट में लिखा हुआ था अब रोने से कोई फायदा नहीं ।
749. लातों के भूत बातों से नहीं मानते – (शरारती समझाने से नहीं समझते) – आजकल के बच्चे तो इस तरह के हैं की लातों के भूत बातों से नहीं मानते ।
750. लहू पसीना एक करना – (बहुत मेहनत करना) – अपने बेटे को पढ़ाने के लिए उसने लहू पसीना एक कर दिया था ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
आज 751 से 756 तक 👇
' व' से शुरू होने वाले मुहावरे :
751. वक्त पर काम आना – (कष्ट में साथ देना) – जो लोग वक्त पर काम आते हैं वही सच्चे मित्र होते हैं ।
752. वचन देना – (वादा करना) – दशरथ ने कैकयी से वादा किया था कि तुम मुझसे कोई भी तीन वचन मांग सकती हो ।
753. वार खाली जाना – (योजना असफल होना) – जब दुर्योधन का वार खली चला गया तो वह बहुत ही दुखी हो गया था ।
754. वीरगति को प्राप्त होना – (युद्ध में मरना) – युद्ध में कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे ।
755. वचन हारना – (जबान हारना) – कुछ लोग झूठा वचन देते हैं लेकिन वचन बहुत जल्दी हार जाते हैं ।
756. विष उगलना – (कडवी बातें करना) – सुमन बातें नहीं करती वह तो विष उगलती है ।
मुहावरे के अर्थ और वाक्य :
'{मुहावरे – (अर्थ) – वाक्य }
आज 757 से 765 तक 👇
' स' से शुरू होने वाले मुहावरे :
757. सनक सवार होना – (धुन लगना) -उसे तो पुलिस बनने की सनक सवार हो गई है ।
758. सन्नाटे में आना – (बिलकुल शांत हो जाना) – जब कक्षा में साँप आ गया तो आवाजें सन्नाटे में बदल गयीं ।
759. सन रह जाना – (सदमा लगना) – जब बच्चों को उनके सहपाठी की मौत का पता लगा तो बच्चे सन्न रह गये ।
760. सबको एक डंडे से हाँकना – (सबको एक जैसा समझना) – सबको एक डंडे से हाँकना तो सुषमा कीआदत है वह लोगों को पहचानती नहीं है ।
761. सब्जबाग दिखाना – (झूठा भरोसा देना) – एक धोखेबाज ने सब्जबाग दिखाकर मुझे लुट लिया ।
762. साँप छुछुदर की दशा – (सोच में डालना) – हम लोगों ने सिनेमा जाने का निर्णय लिया था लेकिन पिताजी ने स्कूल जाने की कहकर उसे साँप छुछुदर की दशा में डाल दिया ।
763. सिट्टी पिट्टी गुल होना – (होश उड़ जाना) – गलत काम करने वाले पुलिस को देखते ही उनकी सिट्टी पिट्टी गुल हो जाती है ।
764.सिर आँखों पर रखना – (सम्मान करना) – मेहमान भगवान होता है इसलिए उन्हें सिर आँखों पर रखा जाता है ।
765. सिर उठाना – (विरुद्ध होना) – तुम राजा के हर फैसले पर सिर मत उठाया करो ।
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