PRAVESHIKA MODEL QUESTION PAPERS FEBRUARY 2024
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PRAVESHIKA PAPER- 3 EASY LANGUAGE
I. संदर्भ सहित व्याख्या :
1. 'जय हो' जग में जले...........शक्ति का मूल ।
संदर्भ: प्रस्तुत पद्यांश दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के प्रथम सर्ग से लिया गया है। प्रसंग : इस पद्यांश को 'रश्मिरथी' का मंगलाचरण मान सकते हैं। इस पद्य में कवि ने संसार के वीरों और गुणशाली व्यक्तियों के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की है।
व्याख्या : कवि कहता है कि संसार में कहीं भी प्रतिभा हो, किसी में भी गुण हो, मैं उसका अभिनन्दन करता हूँ। प्रतिभा कहीं भी हो वह पूजनीय है, गुण किसी भी व्यक्ति में हो वह वन्दनीय है। केवल राजवाटिकाओं में खिले फूल मात्र फूल नहीं कहलाते, कानन कुञ्जों के कुसुम भी फूल ही हैं। कहीं भी, किसी भी डाली पर फूल खिले लेकिन वह सुन्दर अवश्य है। उसमें भी, आह्लादक शक्ति ज़रूर होती है और इसलिए तो सुधीजन गुणों का आदि नहीं देखते। सच्चे ज्ञानी शक्ति के मूल की ओर ध्यान नहीं देते। वे तो गुणों की शक्ति की परख करते हैं। कबीर ने ठीक ही कहा है
“जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।”
जिस प्रकार म्यान असली वस्तु न होकर तलवार ही असली वस्तु है। उसी प्रक गुण और शक्ति को छोड़कर उनके आदि और मूल के चक्कर में पड़ना तो व्यर्थ ही है । गुण ही मूल है जाति नहीं।
विशेषता : प्रस्तुत पंक्तियों की भाषा में प्रसाद और ओजगुण का अद्भुत समन्वय हुआ है। भाषा में अपूर्व प्रवाह द्रष्टव्य है। प्रथम पंक्ति में 'ज' व्यंजन-वर्ण की अनेक बार आवृत्ति के कारण वृत्यानुप्रास अलंकार है। कवि ने इस प्रकार जो गुण और शक्ति की वन्दना की है, वह सकारण है। यों कुल या जाति की दृष्टि से कर्ण बड़े न थे, किन्तु गुण और शक्ति में अप्रतिम अवश्य थे।
2. जलद पटल में...........पहली आग।
संदर्भ : प्रस्तुत पद्य-भाग दिनकर द्वारा विरचित काव्य 'रश्मिरथी' के प्रथम सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : प्रथम सर्ग में कवि काव्य-नायक कर्ण के तेज प्रताप का परिचय दे रहे हैं।
व्याख्या : कवि पूछते हैं कि सूर्य कब तक बादलों के पीछे छिपा रह सकता है? जो वास्तव में शूरवीर होता है, वह कब तक अपने समाज की अवहेलना सुनकर चुप रह सकता है? कर्ण ऐसा ही शूर साहसी पुरुष था जिसके लिए आन जान से प्यारी थी। एक दिन समय पाकर उसके यौवन का वीर्य जाग उठा। अर्जुन जैसा धनुर्धर और भीमसेन जैसा मल्ल होते हुए भी कृपाचार्य, द्रोणाचार्य आदि ने उसे सूतपुत्र कहकर अवहेलना की तो कर्ण के पौरुष की आग सबके सामने फूट पड़ी। उसने अपनी धनुर्विद्या से साबित कर दिया कि वह सूतपुत्र नहीं, बल्कि सूर्यपुत्र है।
3. मस्तक ऊँचा..............अंगूठे का दान।
संदर्भ : यह पद्यांश रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के प्रथम सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : कृपाचार्य से धनुर्विद्या सीखने के बाद कौरव-पांडव राजकुमारों की परीक्षा चल रही थी। सभी जन धनुर्विद्या में अर्जुन के अद्भुत कौशल की प्रशंसा कर रहे थे, सूतपुत्र कर्ण ने अर्जुन को ललकारा। इसपर कृपाचार्य ने कर्ण की जाति और गोत्र पूछ लिया। उनका संकेत था कि उच्च वर्ण के वीरों को ही अपनी कला-निपुणता दिखाने की अनुमति है। द्रोणाचार्य ने भी इसका समर्थन किया।
व्याख्या : आचार्यों ने आपत्ति उठाई तो कर्ण ने विरोध किया। जाति के नाम पर मानव-मानव में भेद करना उसे बुरा लगा। उसने आचार्यों को भी अपने तर्क बाणों से बेधना शुरू कर दिया। कर्ण ने कहा- आप लोग सिर ऊँचा उठाये अपनी जाति और कुलगौरव पर गर्व करते हैं। लेकिन आपका आचरण धर्म सम्मत नहीं है। दूसरों का शोषण करके उनकी मेहनत का फल लूटते हैं और सुख और भोग-विलास में डूबे रहते हैं। निम्न जाति के लोगों को देखकर आपके प्राण थर-थर काँपते हैं। उनमें से यदि कोई आपकी तरह कला-निपुणता दिखाता है तो कपट से उसका अंगूठा काट लेते हैं। कर्ण यहाँ द्रोणाचार्य पर कटाक्ष करता है, जिन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में निम्नजाति के एकलव्य का अंगूठा माँगा था।
4. किया कौन-सा.............प्राण, दो देह ।
संदर्भ : यह पद्यांश दिनकरजी की कृति 'रश्मिरथी' के प्रथम सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : जब आचार्यों ने कर्ण की जाति और गोत्र पूछकर उसे अपमानित किया तो सारी सभा मूक साक्षी होकर यह दृश्य देख रही थी। दुर्योधन ने आगे बढ़कर कर्ण को अंगदेश का राजा घोषित कर दिया। कर्ण ने दुर्योधन के इस व्यवहार से गद्गद् होकर आभार व्यक्त किया तो दुर्योधन ने कहा कि उसने कोई बड़ा त्याग नहीं किया है।
व्याख्या : ओ मेरे मित्र! मैंने आज तुम्हें एक राज्य दे दिया तो यह कौन-सा बड़ा त्याग हुआ। तुम्हारी वीरता के आगे मेरा यह दान कुछ भी नहीं है। मेरे लिए तुम्हारी मित्रता बहुमूल्य है । यदि तुम मुझे मित्र के रूप में स्वीकार करो तो मैं कृतार्थ हो जाऊँगा । दुर्योधन के इन वचनों को सुनकर कर्ण पसीज गया, उसने कहा मुझ अकिंचन पर तुम्हारा इतना स्नेह ? तुम मेरी मित्रता चाहते हो न? मैं कहता हूँ कि आज से हम अभिन्न मित्र बन गये। अर्थात् हम भले ही दो शरीर के है मगर एक प्राण हो जाएँ। तुम्हारे सारे सुख-दुख मेरे हैं। अंत तक मैं तुम्हारी इस कृपा को भूलूँगा नहीं और हर संकट से तुम्हें उबारूँगा।
5. सोच रहा हूँ................तू भी हे तात!
संदर्भ : यह पद्यांश दिनकरजी से रचित 'रश्मिरथी' के प्रथम सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : रंगभूमि में कर्ण के प्रकट होकर अर्जुन को ललकारने से तथा कृपाचार्य द्वारा जाति पूछकर कर्ण का अपमान करने से रंग में भंग हुआ। दुर्योधन ने कर्ण से भीम को मल्लयुद्ध के लिए ललकारने को कहा तो कृपाचार्य ने शिष्यों को घर लौटने का आदेश दिया। तब द्रोण ने चिंतित भाव से अर्जुन से कहा।
व्याख्या : द्रोणाचार्य आज तक समझते थे कि अर्जुन ही अद्वितीय धनुर्धर है। जब उन्हें संदेह हुआ कि एकलव्य एक दिन अर्जुन का प्रतिद्वंद्वी बन सकता है, उन्होंने उसका अंगूठा काटकर अर्जुन के मार्ग को कंटक-रहित बना दिया। लेकिन आज रंग-भूमि में कर्ण द्वारा अर्जुन को ललकारने से रंग में भंग हो गया। इससे चिंतित होकर द्रोण अर्जुन से कहते हैं--
वत्स अर्जुन! यह जो वीर आज तुम्हारा प्रतिद्वंद्वी बनकर प्रकट हुआ है, उसे देखकर मेरा चित्त विचलित हो गया। क्योंकि कर्ण के अंदर वीरता और साहस के लक्षण मिलते हैं। मैं सोच रहा हूँ कि इस प्रकाशमान नक्षत्र का तेज किस प्रकार कम किया जा सकता है। लेकिन एक बात निश्चित है। मैं कभी भी कर्ण को अपना शिष्य न बनाऊँगा। यह उत्कट वीर है, इसमें कोई संदेह नहीं। इसलिए हे वत्स, तुम इस प्रतिभट के प्रति हमेशा सावधान रहना।
I. संदर्भ सहित व्याख्या :
1. आई है वीरता तपोवन.............आया है?
संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के द्वितीय सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : इस पद्यांश में परशुराम की कुटी का परिचय है। परशुराम की कुटी के पास एक ओर कमंडल आदि तप के साधन और दूसरी ओर धनुष-बाण और तीर-बरछे देखकर कवि आश्चर्यजनक ढंग से कहता है कि यह किसकी कुटी हो सकती है? यह तपोभूमि है, या युद्धक्षेत्र! क्या किसी मुनि की कुटी है? नहीं, नहीं! हो सकता है कि मुनि के ही धनुष-कुठार हो! लेकिन मुनि तलवार उठा सकते हैं? नहीं, शायद नहीं ।
व्याख्या : कवि के मन में तरह-तरह की बातें उठ रही हैं। कवि कहता है कि सम्भव हैं, वीरता तपोवन में पुण्य कमाने आयी है। हो सकता है कि कोई वीर ही युद्ध के भीषण स्थितियों को देखकर वैरागी हो गया हो और पुण्य की प्राप्ति के लिए तप कर रहा हो। ऐसी बात तो नहीं है कि कोई सन्यासी अपनी साधना में शारीरिक शक्ति का भी विकास कर रहा हो? ऐसा तो नहीं कि मन ने शरीर की सिद्धि का उपाय शस्त्रों के रूप में पाया हो? कौन जाने, कोई वीर ही यहाँ योगी से कुछ युक्ति सीखने आया हो ।
विशेषता : परशुराम के कुटीर के पास एक ओर धनुष और दूसरी ओर कमंडल को देखकर कवि आश्चर्यचकित है । उसे सन्देह हो रहा है कि यह किसी वीर का कुटीर है अथवा किसी सन्यासी का आश्रम! प्रस्तुत पद्यावतरण में उपमेय में उपमानों की सम्भावना के कारण सन्देह अलंकार है। 'सन्यास-साधना' में 'स' की आवृत्ति के कारण वृत्यानुप्रास अलंकार है। भाषा में प्रसाद गुण विद्यमान है।
2. खड्ग बड़ा उद्धत होता............करता है।
संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के द्वितीय सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग : अपने आश्रम से कुछ दूर हटकर एक वृक्ष की छाया में गुरुवर परशुराम कर्ण की जाँघ पर सिर रखकर सोये हैं। कर्ण को अपने आचार्य की बातें याद आ रही हैं। वे गुरु की अपने प्रति अपार ममता देखकर भक्तिभाव में मग्न हुए जाते हैं। कर्ण इन्हीं भाव-तरंगों में बहते हुए यह सोचते हैं कि क्या विचित्र सामाजिक व्यवस्था है कि विद्या और ज्ञान ब्राह्मणों के घर में हैं, वैभव वैश्यों के पास, तो तलवार के धनी निश्चित रूप से क्षत्रिय हैं। किन्तु तलवार उठानेवाले क्षत्रियों के प्रति कर्ण के विचार उदार नहीं हैं।
व्याख्या : ये तलवार के पनी मंत्रिय राजे-महाराजे विवेकशील नहीं होते। उनका स्वभाव बड़ा ही उम्र होता है। इसीलिए हर समय वे युद्ध ही चाहते हैं। उनकी महत्वाकांक्षाओं की ज्याला कभी बुझ नहीं पाती। वे सदैव अपनी महत्वाकांक्षों के चलते रण बाह्य बजाते दीखते हैं। ऐसी परिस्थिति में ब्राह्मण क्या करे। ब्राह्मणों के पास विद्या है, वे विवेकशील हे अवश्य, किन्तु उनकी सुनता कौन है? ब्राह्मण विवश हैं। शस्त्र-विहिन होने के कारण यह भयभीत है। चूंकि राजा उनको सम्मान देता है अतः वह भी राजा का आदर करते हैं।
विशेषता : 'खड्ग बहा उद्धत होता है' लाक्षणिक पद है। उद्धत होना जह वस्तु का स्वभाव नहीं। अतः लक्षणाशक्ति से हम अर्थ ग्रहण करेंगे कि खड्ग पकड़नेवालों (यहाँ क्षत्रिय राजाओं से तात्पर्य है) का स्वभाव उद्धत होता है।
3. नित्य कहा करते...............का बल भी।
संदर्भ : यह पद्यांश श्री रामधारी सिंह दिनकर से लिखित 'रश्मिरथी के द्वितीय सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग: कर्ण ब्राह्मण कुमार के वेश में उस युग के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर परशुराम से अस्त्र विद्या सीख रहा है। एक दिन गुरु परशुराम अपने शिष्य कर्ण की जाँघ पर सिर रखे हुए सो रहे थे। कर्ण गुरु के अद्भुत व्यक्तित्व और कथनों के बारे में विचार कर रहा है। प्रसंग उसी समय का है।
व्याख्या: कर्ण ब्रह्मतेज की तुलना में क्षात्रतेज से दीप्त अपने गुरु परशुरामजी के व्यक्तित्व और चरित्र के बारे में सोच रहा है। उसे गुरुजी की एक बात याद आती है। वह सोचता है कि उसके गुरु का कहना सही है कि तलवार बहुत ही भयकारी है। वह हर एक के वश में नहीं आती। तलवार यानी खड्ग उठाने का अधिकार हर किसी को नहीं है। जो शुद्धवीर हो तलवार उसीके वश में आती है। वही वीर पुरुष खड़ग उठा सकता है, जिसका हृदय कठोर होने के साथ कोमल भी हो तथा जिसमें धैर्य हो किसके साथ कठोरता बरतनी चाहिए और कब किसके साथ कोमलता का व्यवहार करना चाहिए, इसका विवेक उसमें होना चाहिए। तात्पर्य यह है कि शुद्धवीर वहीं है, जिसमें वीरता और पराक्रम हो, साथ में धैर्य और तपस्या का बल भी।
4. हा, कर्ण तू क्यों..........जहाँ सुजान।
संदर्भ: प्रस्तुत पद्यांश दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के द्वितीय सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग: कर्ण की जाँघ पर सिर रखकर गुरुवर परशुराम निद्रामग्न है। इसी बीच कर्ण के मन में तरह-तरह के भाव उठ रहे हैं। कर्ण के माध्यम से विकृत जाति व्यवस्था पर दिनकर ने प्रहार किया है।
व्याख्या: कर्ण सोचता है हाय, उसका जन्म ही क्यों हुआ? यदि कर्ण जन्मा भी तो वीर क्यों हुआ? कर्ण का शरीर कवच-कुण्डल-भूषित था, किन्तु सूतवंश में, चूंकि उसका लालन-पालन हुआ, अतः नीच जाति के माने गये। कर्ण को जाति विभाजित समाज से बड़ी घृणा-सी हो रही है। इस प्रकार के जाति-वर्ण के विचारों से भरे समाज में गुण की पूजा नहीं की जाती। सभी लोग वीरता या विशेषता की परख नहीं करते, सर्वत्र जाति ही पूछते हैं। कर्ण का हृदय हाहाकार कर उठता है। भला ऐसे देश का, जहाँ जाति की ही पहचान की जाती है, गुण की नहीं, कैसे कल्याण सम्भव है। ऐसे देश की उन्नति की आशा नहीं की जा सकती। ऐसे राष्ट्र का पतन अवश्यंभावी है।
विशेषता : इन पंक्तियों में तत्कालीन जाति-भेद की रूढ़ियों की कटु आलोचना की गयी है। गुण और शक्ति को कवि आरम्भ से ही जाति से अधिक महत्व देता आया है।
5. परशुराम ने कहा..............कभी न जायेगा।
संदर्भ: प्रस्तुत पद्यांश दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' के द्वितीय सर्ग से लिया गया है।
प्रसंग: जब परशुराम कर्ण की जाँघों पर सिर रखकर सोए थे, उसी समय एक विष-कीट आया और कर्ण की जाँघों को काटने लगा। लेकिन कर्ण अंगों को हिलाये बिना उसे पकड़ नहीं सकता था। क्योंकि इससे गुरुदेव की नींद टूट जाने की सम्भावना थी। अतएव कर्ण कीड़े के काटने का दर्द सहता रहा। जब परशुराम की निद्रा भंग हुई तो उन्होंने पहले तो कर्ण से कहा कि ऐसी गलती क्यों की; बाद में उन्होंने कहा कि अवश्य ही कर्ण ब्राह्मण नहीं, क्षत्रिय है। क्षत्रिय ही इस तरह पीड़ा सह सकता है।
जब कर्ण अपनी जाति का रहस्य खोल देता है तो परशुराम की क्रोधाग्नि और भी भड़क उठती है। कर्ण झट-से गुरु के चरणों में झुककर कहता है कि सच है, गुरुदेव! मैंने बहुत भारी भूल की। अब आप दण्ड दीजिए उसे मैं ग्रहण करूंगा। जिन आँखों में मेरे लिए स्नेह का जल था, आज उन्हीं से आग बरसाएँ। जिसमें जलकर मैं छल के पाप से पवित्र हो सकूँ किन्तु परशुराम के सामने बड़ी दुविधा है। परशुराम ने कर्ण को स्नेह से अपनी सारी कलाएँ सिखाई थीं वे कर्ण को अपने पुत्र के समान मानते थे अतः बड़ी ही मार्मिक स्थिति है।
व्याख्या : परशुराम ने कर्ण से कहा- हे कर्ण, तुम मुझे ऐसे आघात मत पहुँचाओं। तुम मेरे मन की दशा नहीं जानते! कर्ण उनके प्रिय शिष्य थे। उनका हृदय कर्ण को दंडित करना नहीं चाहता था परंतु कर्ण ने जो अपराध किया उसके लिए दंड नहीं दिए बिना भी नहीं रहा जा सकता था। वे क्या करें-कुछ समझ नहीं पड़ता था। लेकिन कर्ण के छल के लिए दण्ड देना भी उचित ही था। परशुराम की क्रोधाग्नि यों ही बुझनेवाली न थी ।
विशेषता : इन पंक्तियों में कवि ने अभिनयात्मक ढंग से परशुराम के चरित्र पर प्रकाश डाला है। वर्णन में नाटकीयता और प्रवाह है।
AKSHARAM AKSHAYAM
EXPECTED QUESTIONS
FEBRUARY 2021
PRAVESHIKA
प्रवेशिका
Paper-1
1. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखिए :-
• कवि मैथिलीशरण गुप्त पशु-प्रवृत्ति किसे कहते है ? 1
• कवि मैथिलीशरण गुप्त किनको उदार मानते हैं ? 1
• दधीचि ने किसके लिए अपना अस्थिजाल दिया? 1
• अनंत की लहरें कहाँ टकराती हैं? 2 ***
• कवि उड़ते खगों के पंखों की तुलना किससे करते हैं? 2
• मनोहर तरुशिखा किसपर नाच रही है ? 2
• बादल के जनक कौन और सहोदर कौन-कौन हैं? 3
• कवयित्री महादेवी वर्मा बादल के श्याम तन का परिधान किसे कहती हैं? -3
• धरती के रोम-रोम में कौन समा हुआ है? 3
• कवि पंत के अनुसार मानव को किसपर निर्भर रहना चाहिए? 4**
• जग-जीवन के बारे में कवि पंत का विचार क्या है? 4
• कवि निराला के अनुसार दूसरों का अवगुण कैसे दूर किया जा सकता है? 4
• 'निराला' क्यों ऐसा है कि उनका अभी न होगा? 5
• 'निराला' पुष्प-पुष्प से किसे खींच लेंगे? 5
• 'निराला' कैसा प्रत्यूष जगाएँगे? 5
• 'बच्चन' किसपर कविता लिखना चाहते थे? 6
• 'बच्चन' अंत में मौन क्यों हुए? 6
• 'बच्चन' चिड़िया पर कविता क्यों लिखना चाहते थे? 6
• दिनकर' के अनुसार विपत्ति किसको दहलाती है ? 7
• पत्थर कब पानी बनता है? 7
• 'काँटों में राह बनाना' इसका तात्पर्य क्या है? 7
• सुभद्राकुमारी चौहान अपने प्रियतम के पास क्यों जाना चाहती हैं? 8
• 'निश्चित मार्ग' की कवयित्री अपने प्रियतम को किन-किन शब्दों से संबोधित करती हैं? 8
• सुभद्रा कुमारी चौहान अपने निश्चित मार्ग पर कैसे अड़ी है? 8
• 'वह देश कौन-सा है?' - इसका उत्तर क्या है? 9
• पंछी के पुलकित पंख किनसे टकराकर....10
• पंछी को कलक-कटोरी को मैदा पसंद है या कटुक.....10
• पंछी के अरमान कैसे थे? 10
• बालकृष्ण राव किसे साँप कहते हैं? 11
• पीले पत्तों ने अपने को कैसे पाला था? 12
• कवि समुतींद्र के अनुसार पुराने कैसे होते हैं? 12
• पं. नारायण देव हमें मन में क्या सोचने को कहते हैं? 13
• हमें किससे बचकर चलने का आदेश 'अमृत पुत्र' ....13
• पं. नारायण देव नेता लोगों के लक्षणों के बारे में ....13
• अमन की दुनिया कैसी होती है? 15
2. किसी एक कवि का परिचय दीजिए :-
• मैथिलीशरण गुप्त 1* • जयशंकर प्रसाद 2
• महादेवी वर्मा ** •निराला 5 • सुमित्रानंदन पंत 4
• हरिवंशराय 'बच्चन 6 • रामधारी सिंह 'दिनकर 7 ***
3. किसी एक कविता का सारांश लिखिए :-
• मनुष्यता 1* • मधुमय देश हमारा 2***
• श्यामल बादल 3 • चिरंतन जीवन चक्र 4* • अनंत द्वार 5
• प्यार 6
4. किन्हीं दो पद्यांशों का संदर्भ सहित भाव समझाइए :-
• विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,........1****
• क्षुषार्थ रतिदेव........1
• हेम कुंभ ले उषा सवेरे भरती ढुलकाती........2
• तृषित धरा ने.....3
• हम बादल कहते सरिता-सर,...3
• बन शांत, धीर, क्षमतामय,..... 4
• निश्चल आत्मा.......4**
• हरे हरे वे पात ........5
• "तब तुम मुझपर.....6
• सच है विपत्ति ......7
• गुण बड़े एक से एक प्रखर........7
• मनमोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है। .....9
• पृथ्वी निवासियों को.......9
• स्वर्ण-शृंखला.......10
• नीड़ न दो, चाहे टहनी.......10
5. किन्हीं दो पद्यांशों का संदर्भ सहित भाव समझाइए :
• 'आमिना' और 'देवकी' ने जो पिलाया था कभी।........16***
• सारे जहाँ ... ... 17
• हुब्बे वतन समाये आँखों में नूर होकर,.........17**
• समुंदर में फना होते हैं करते......18*
• कर चले हम........19 ***
• राह कुर्बानियों की ....19****
. • हंसा बगुला एकसा, मानसरोवर...... 20
• दुख में सुमिरन सब करे,.........20
• तुलसी तरु फूलत फलत, जेहि विधि कालहिं............21
• नरपति नसे कुमंत्र सो, साधु......22
• सरल वचन है औषधी,...... .22
6. कंठस्थ दोहों को ज्यों का त्यों लिखिए :
• बिगरी बात.......
• तरुवर फल नहिं ...... **
• एकै साधे.......**
• जो रहीम......**
• रहिमन याचकता.....
• बड़े बड़ाई ......**
• रहिमन जिह्वा .....
• जब लगि वित्त .....
7. किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर पाँच-पाँच वाक्यों में लिखिए :-
• किसान सामान्यतः भारत माता का क्या अर्थ लेते थे? 1
• भारत माता के प्रति नेहरू जी के क्या विचार थे? 1 ***
• लेखक ने टार्च बेचनेवाली कंपनी का नाम 'सूरज छाप' क्यों रखा? 2
• पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात किस परिस्थिति में हुई ? 2
• टार्च बेचनेवाला अब कंपनी बदल रहा है- इसका आशय क्या है? वह क्या करनेवाला है? 2
• प्रेमचन्द की रचनाओं की विषय- वस्तु कौन-सी है? 3
• प्रेमचन्द के साहित्यिक जीवन बारे में लिखिए । ...3*
• दुनिया के महान आश्चर्यों में ताजमहल की गणना क्यों की जाती है? 4**
• माखनलाल चतुर्वेदी व्यक्तित्व किस वस्तु को कहते हैं? 5*
• व्यक्तित्व के अभाव में व्यक्ति का हाल क्या होता? 5***
• अच्छी आदतों से बाहरी और भीतरी जीवन का मेल मनुष्य के जीवन में कैसा असर डालता है? 5
• प्रसाद जी की दिनचर्या के बारे में लिखिए। 7
• प्रसाद के उपन्यासों के बारे में पाँच वाक्य लिखिए। 7**
• प्रसाद की कहानियों और उनकी भाषा के बारे में अपना विचार व्यक्त कीजिए। 7*
• महावीरप्रसाद द्विवेदी के संबंध में बनारसी दास का विचार कौन-सा था? 8
• पत्रिका क्षेत्र के संबंध में द्विवेदी जी का दृष्टिकोण क्या था?8
• चुनाव के समय नेताओं के वोट माँगने का तरीका बताइए। 9*
• चुनाव के समय का वातावरण प्रस्तुत कीजिए। 9
• लोभ को क्यों रोग कहा जाता है ? 10
• धनी आदमीयों अपनी आत्मा को वश में नहीं कर सकता?10
• बालगंगाधर तिलक के बचपन का वर्णन कीजिए। 11
• तिलक को किसके कारण कारावास भोगना पड़ा?11
8. किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिए :
• भारत माता 1* • अंधकार और प्रकाश-2****
• "प्रेमचंद के साहित्य पर आर्थिक समस्याओं का प्रभुत्व।"**
• प्रेम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बड़ी विभूति है 4 **
• व्यक्तित्व की रक्षा 5 • प्रसादजी के नाटक 7
• चुनाव का मौसम 9 • लोभ एक तरह की बीमारी है। 10
• धन पर धर्म की जीत 14
9. किसी एक पाठ का सारांश लिखिए : -
• भारत माता 1 • • मेरी तीर्थ यात्रा 8 • लोभ 10
• नमक का दारोगा 14
10. किन्हीं तीन की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :-
• में उन्हें सोवियत यूनियन में .........1
• हिंदुस्तान के नदी और पहाड़, जंगल .........1****
• तुम शायद संन्यास ले रहे हो। जिसकी आत्मा .......2***
• "साले, फिलासफ़ी मत बघार, यह बता कि.....2 **
• उस युग के आदर्शवाद ने जिसका.....3
• सामाजिक और आर्थिक आवरण के.....3
• उनकी प्रतिभा कई अंशों में.......3
• प्रेम की पवित्रता एवं तल्लीनता का में ..........4
• 'प्रिय ! अगर मेरी मृत्यु के पश्चात् ........4**
• कला कुछ व्यक्तियों का ही नहीं, कुछ जातियों तक...5
• अच्छी आदर्ता से व्यक्ति........5
• "जो कुछ समाज के भय से छिपकर किया जाता है,.... 7
• प्रकृति अपने नियमों की अवहेलना को सहन नहीं कर...8
• बरसात के मेंढक की तरह, ........9
• "भूख लगने पर भोजन कर लेने से ........10
• मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है, ...........14
• मैं शस्त्र की धार से नहीं..... .15
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Paper-2
1. किन्ही दो पर टिप्पणियों लिखिए :
• माँ-बाप और जन्म**** • लड़कपन*** • हाई स्कूल में
• मांसाहार को मुल्नवी** • अहिंसा का पदार्थ पाठ**
• धर्मों के प्रति समभाव
2. किसी एक का सारांश लिखिए :-
• माँ-बाप और जन्म • लड़कपन • हाई स्कूल में***
• • विवाह और मांस-भक्षण** • तीन प्रतिज्ञाएँ ***
3. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखिए :-
• हरिश्चंद्र कहाँ का राजा था? *****
• विश्वामित्र ने कौन-सी प्रतिज्ञा की थी?**
• विश्वामित्र के आश्रम में किसका उपद्रव बहुत बढ़ गया था?
• नक्षत्रक किसका शिष्य था?*****
• हरिश्चंद्र ने जंगल में सिंह को मारकर किसको बचाया?
• मनुष्य का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कर्तव्य क्या है?*****
• किसने तपोवन को जंगल बना दिया था ?****
• भगवान शंकर ने स्वप्न में दर्शन देकर चन्द्रमती से क्या कहा ?***
• चन्द्रमती के कथन के अनर पत्नी का परम कर्तव्य क्या है?**
• हरिश्चन्द्र किसके हाथ में बिक गया ?
• चन्द्रमती को काशी में किसने दासी के रूप में खरीदा?**
• चण्डी किसकी पत्नी थी?****
• रोहित जंगल में क्यों गया?
• केशव और माधव कौन थे?**
• हरिश्चंद्र ने चंद्रमती से दहन-शुल्क कितना माँगा?
• चंद्रमती को किस अपराध पर मृत्यु-दंड दिया गया ?
• वशिष्ठ को किस बात की प्रसन्नता थी ?*****
• 'सत्यमेव जयते' का मतलब क्या है?***
4. किसी एक पर टिप्पणी लिखिए :
• सत्यपाल***** • सुन्दरी**** • काल - कौशिक****
5. किसी एक पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए :-
• हरिश्चंद्र***** • वशिष्ठ***** • विश्वामित्र **** • चन्द्रमती
6. वचन बदलिए
विद्यार्थी सड़क समस्या बहू छुट्टी रुपया काका तरकारी
तोता दादा पशु किताब बीमारी रुपया मेला मंदिर पुस्तक
बादशाह लड़की कलम चिड़िया बालक आदमी कमरा
बात लता दिन सड़क मकान दीवार मोती विद्या टोकरा
रचना वधू चोर तरकारी बगीचा भाई सभ्यता
7. लिंग बदलिए :
पुत्र ऊँट छात्र विद्वान गाय बालक बूढ़ा आदमी शेर
बालक सखा बच्चा भाई पोता नौकर माँ पंडित
धोबी हाथी कौआ स्त्री अध्यक्ष मालिक कवि बाघ
मोर अभिनेता नर जेठ सम्राट मालिक नाना
देवर बिल्ली सेवक देवर चोर
8. किन्हीं तीन की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :-
• अनजान में भी मुंह से निकले वचन का वे पालन .........1**
' • प्रजा को सत्य मार्ग पर........2
' • सांसारिक झंझटों में.......3
• कामिनी और कंचन ........4 ***
• मैं उस शुभ दिन की......5**
• 'हरिश्चंद्र यदि.......7 ***
• शास्त्र चर्चा और नियम-निर्धारण करना........8
• 'सत्यनिष्ठा मेरा.......9***
• जो राष्ट्र-वृक्ष अब तक आपके ........10
• शासक तो पहले......11
• ये ऋषि सर्प है। सर्प से यह कहा जाए .......12
• भगवान रक्षा......16 *****
• 'पति के कार्य.......17 **
• जब गाय को खरीद लिया तो बछड़ा .......20**
• गुरु के कार्यों का......21 **
• नियम सबके लिए एक ही होता है देवी।........23**
9. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखिए:-
• भाषा किसे कहते है?**
• व्याकरण किसे कहते हैं?***
• शब्द किसे कहते हैं? किन-किन दृष्टियों से शब्दों का वर्गीकरण किया जाता है?***
• संज्ञा की परिभाषा दीजिए।*****
• लिंग की परिभाषा दीजिए। उसके कितने प्रकार है?
• वचन किसे कहते हैं? उसके प्रकार क्या-क्या है?***
• कारक किसे कहते हैं?
• सर्वनाम की परिभाषा दीजिए।
• सर्वनाम के कितने भेद हैं और वे क्या-क्या हैं?
• विशेषण किसे कहते हैं?
• निर्देशक सर्वनाम का दूसरा नाम क्या है?
• कर्म की दृष्टि से क्रिया के भेद क्या-क्या हैं? *
• नाम धातु किसे कहते हैं?
• प्रमुख रूप से काल के कितने भेद हैं? वे क्या-क्या हैं?
• 'यह तस्वीर पिताजी ने खींची' - यह वाक्य कर्तृवाच्य है या कर्मवाच्य?
• 'कोई' और 'कुछ' निश्चयवाचक सर्वनाम है या अनिश्चयवाचक सर्वनाम है ?
• संबंधबोधक की परिभाषा दीजिए।
• समुच्चयबोधक का काम क्या है?
• विस्मयादिबोधक शब्द विकारी हैं या अविकारी?
• प्रत्यय का दूसरा नाम क्या है?
• तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं?
• 'ने' का प्रयोग किस काल में किया जाता है?**
• वाक्य को निषेधात्मक या नकारात्मक रूप देने के लिए किस शब्द का प्रयोग किया जाता है?
10. किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सविस्तार लिखिए :-
• भाषा की परिभाषा देते हुए उसके प्रकारों पर प्रकाश डालिए।***
• व्युत्पत्ति की दृष्टि से शब्द के कितने भेद है? सोदाहरण व्याख्या कीजिए।**
• रचना की दृष्टि से शब्द के भेदों पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए।
• संज्ञा किसे कहते हैं और उसके कितने प्रकार है- समझाइए।
• लिंग की परिभाषा देते हुए सोदाहरण लिखिए कि लिंग के कितने ये क्या-क्या हैं?***
• कारक की परिभाषा क्या है, उसके कितने प्रकार हैं, सोदाहरण समझाइए।**
• सर्वनाम किसे कहते हैं? उसका उपयोग बताकर उसके भेदों पर प्रकाश डालिए।**
• विशेषण की परिभाषा देते हुए उसके भेदों को सोदाहरण समझाइए।**
• क्रिया की परिभाषा देकर कर्म की दृष्टि से क्रिया के भेदों को सोदाहरण समझाइए।
• भूतकाल किसे कहते हैं? भूतकाल के कितने प्रकार हैं और वे क्या-क्या हैं? उदाहरण सहित समझाइए|
• वर्तमानकाल की परिभाषा देते हुए उसके प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
• समास की परिभाषा देकर उसके भेदों को उदाहरण सहित समझाइए।
• न, नहीं और मत का प्रयोग उदाहरण के साथ समझाइए।**
• कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य या भाववाच्य में बदलने के नियम क्या है?
उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
• समुच्चयबोधक की परिभाषा देते हुए उसके भेदों पर प्रकाश डालिए।
• उपसर्ग किसे कहते हैं? उदाहरण देकर उसके भेदों को समझाइए ।
• उपसर्ग और प्रत्यय का अंतर उदाहरण सहित समझाइए।
• समास की परिभाषा देते हुए द्वंद्व समास और बहुव्रीहि समास का
अंतर सोदाहरण समझाइए।
• न, नहीं और मत का प्रयोग प्रदाहरण के साथ समझाइए।
***************
Paper-3
भाग -1
1. किसी एक विषय पर निबंध लिखिए :-
• परिश्रम का महत्व*** • अनुशासन ***
• भारत के नवनिर्माण में युवकों का योग्दान**
• परोपकार • भारत की भावात्मक एकता**
• नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार** • भारत में भ्रष्टाचार**
• दूरदर्शन • भारत में कम्प्यूटर* • दीपावली • महात्मा गाँधी
• जवाहरलाल नेहरू
2. • प्रधान सचिव, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई को नौकरी की मांग करते हुए एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।***2
• नौकरी की मांग करते हुए प्रधान सचिव, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।***2
• व्यवस्थापक, कमल भारती प्रकाशन, इलाहाबाद को कुछ पुस्तकों का आदेश देते हुए एक पत्र लिखिए। **3
• मुख्य सचित, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से शिक्षा संचालक, उत्तर प्रदेश राज्य को एक सामान्य सरकारी पत्र लिखिए कि राज्य को दी समाज सजी धजीकृत गम्यायो की जांच की जाए ओर रिपोर्ट मंत्रालय को यथाशीघ्र भेजी जाए। ** 5
(या)
• गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से अन्य सभी मंत्रालयों को एक कार्यालय ज्ञापन तैयार कीजिए कि सभी मंत्रालयों के कर्मचारियों को हिंदी प्रशिक्षण योजना में सम्मिलित होने का प्रोत्साहन और सुविधा दी जाए। 7
• सचिव, समाज कल्याण मंत्रालय की ओर से सचिव, गृह मंत्रालय को एक अर्ध सरकारी पत्र तैयार करें कि श्री विनय प्रकाश को 31 जनवरी, 2012 से एक वर्ष और भारत सरकार की सेवा में रहने दिया जाए। 8
3. निम्नलिखित गद्यांश को संक्षेप में लिखिए :
• पर प्रेम का सहायक परमात्मा है।.. 1
• रविवार का दिन था। श्रीमती स्टो गिरिजाघर गयी हुई थीं और ............****2
• हमने आज़ादी हासिल की, किस तरह.........7
• "उस मैना को क्या हो गया है, यही सोचता हूँ। ...8
4. अपनी प्रांतीय भाषा में अनुवाद कीजिए :-
• यदि ईश्वर कहे कि ले मैं तुम्हें आज़ाद....1
• समय जाते देर नहीं लगती। पन्द्रह वर्ष बीत चुके, पर जान पड़ता.......2
• मनुष्य मृत्यु को असुन्दर ही नहीं, अपवित्र भी मानता है।.....4
• बौद्ध काल में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय नालंदा....6
• स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व हिन्दी के ही माध्यम से भारत के....11
5. हिन्दी में अनुवाद कीजिए :-
• வாருங்கள். நாம் கவலை மற்றும் சத்தேக......1
• என்னுடைய சட்டைப்பையில் கடிகாரம்*****2
• வயதான ஷாஜஹான் இவ்வுலக வாழ்க்கையை....3
• மாணவ விடுதியில் அதிகாலையில்.......4
• தற்சமயம் உலகத்தில் எத்தனை பல்கலைக்.......5
भाग -2
1. ஏதேனும் ஒன்றனுக்கு
இடஞ்சுட்டிப் பொருள் விளக்கம் தருக
(அ) & (ஆ)
• "முகம்நக நட்பது நட்பன்று நெஞ்சத்து அகம்நக நட்பது நட்பு.."***
• 'நகுதற் பொருட்டன்று நட்டல் மிகுதிக்கண்
மேற்சென்று இடித்தற் பொருட்டு**
• உடுக்கை இழந்தவன் கைபோல ஆங்கே
இடுக்கண் களைவதாம் நட்பு**
• சாதிக் கொடுமைகள் வேண்டாம் அன்பு
தன்னில் செழித்திடும் வையம்
ஆதரவுற்றிங்கு வாழ்வோம் தொழில்
ஆயிரம் மாண்புறச் செய்வோம்
• பட்டினி யாக இறந்திடினும் - நாங்கள் பாவம் பழிசெய்ய மாட்டோம்-அம்மா!**
• மனிதா மனிதனாக வேண்டுமா மரத்திடம் வா
ஒவ்வொரு மரமும் போதி மரம்
• கன்று பசுவை மறந்திடினும் - செய்த
கருமங்கள் உம்மை விடுமோ ஐயா?
• "என்ன குறை? எங்கு வந்தீர்?" என்னக் கேட்கும் இன்முகமாய்க் குலவுகின்ற எளிமை வேண்டும்.
• நண்பனாய் மந்திரியாய் நல்லா சிரியனுமாய் பண்பிலே தெய்வமாய்ப் பார்வையிலே சேவகனாய் எங்கிருந்தோ வந்தான் இடைச்சாதி என்று சொன்னான் இங்கிவனை யான்பெறவே என்னதவம் செய்துவிட்டேன்!
• நிறைநீர நீரவர் கேண்மை பிறைமதிப் பின்னீர பேதையார் நட்பு.
• வலிமை உடையது தெய்வம் - நம்மை வாழ்ந்திடச் செய்வது தெய்வம்.
2. ஏதேனும் ஒரு வினாவிற்கு விடை தருக:
(அ) , (ஆ) & (இ)
• புறநானூறு துணை கொண்டு கபிலரும் பாரியும் பற்றி விவரிக்க**
• முக்கூடற் பள்ளில் மூத்த பள்ளிக்கும் இளைய பள்ளிக்கும் இடையே நடந்த உரையாடலை விளக்குக.**
• உத்தமர் காந்தியடிகளின் வாழ்க்கை நமக்கு ஒரு படிப்பினை என்பதை நாமக்கல் கவிஞர் எங்ஙனம் வலியுறுத்துகின்றார்***
• நட்பைப்பற்றி திருவள்ளுவர் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து எழுதுக.****
• நட்பாராய்தல் பற்றி திருவள்ளுவர் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து**
• கண்ணன் என் சேவகன் என்று சுப்பிரமணிய பாரதியார் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து எழுதுக
• நாமக்கல்லாரின் படிப்பினை யாவை ?
• முரசு மூலம் பாரதியார் விடுக்கும் செய்திகள் பற்றி தொகுத்து எழுதுக***
• செல்வச் சிறுமியரின் களிப்பை கவிமணி தேசிக விநாயகம் பிள்ளை எங்ஙனம் வர்ணிக்கின்றார்?**
• காந்தியும், வள்ளுவரும் என்றதலைப்பில் தமிழ்க்கடல் ராய. சொக்கலிங்கம் கூறுவதை எழுதுக.***
• மரங்களின் மாண்புகள் பற்றி கவிஞர் வைரமுத்துவின் கருத்துகள் யாவை?
• 'புத்தக சாலை' என்றதலைப்பில் புரட்சிக் கவிஞர் பாரதிதாசன் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து வரைக.**
• 'பத்திரிகை' என்ற தலைப்பில் புரட்சிக் கவிஞர் பாரதிதாசன் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து வரைக.
• மெய்பொருள் நாயனாரின் பக்தியினைத் தொகுத்து எழுதுக.**
3. ஏதேனும் ஒன்றுக்கு இடஞ்சுட்டிப் பொருள்
விளக்கம் தருக
(அ) & (ஆ)
• "மதியாதார் முற்றம் மதித்து ஒருகால் சென்று மிதியாமை கோடியுறும்."**
• "பூரண பொற்குடம் வைத்துப் புறமெங்கும்.
தோரணம் நாட்டக் கனாக் கண்டேன் தோழி! நான்.”**
• "பாரகம் அடங்கலும் பசிப்பிணி அறுக."***
• "மானம் இழந்தபின் வாழாமை முன் இனிது.**
• "சுயராஜ்யம் எனது பிறப்புரிமை;
அதனை நான் அடைந்தே தீருவேன்."****
• அவள் கைகளால் முதலில் உணவினை உன் பாத்திரத்தில் ஏற்றால் உணவு மேலும் பெருகும்.
• ''வேளாளன் என்பான் விருந்திருக்க உண்ணாதான்.
• “குழவி தளர் நடை காண்டல் இனிது அவர் மழலை கேட்டல் அமிழ்தின் இனிது.”
• "இன்பக் கதைகளெல்லாம் கண்ணம்மா உன்னைப்போல் ஏடுகள் சொல்வதுண்டோ.'**
• இறைவனது அழகிய திருவடிகளைத் துதிக்கும் சிவபூஜைக் கணங்களில் நானும் ஒன்றானேன்."
• இந்தஉத்தி யோகம் என்ன பெரிதா - நெஞ்சே! இதுபோனால் நாம்பிழைப்பது அரிதா?'"
4. ஏதேனும் ஒரு வினாவிற்கு விடை தருக :-
(அ) , (ஆ) & (இ)
• உத்தம நண்பர் பற்றி ஆசிரியர் கூறும் கருத்துகள் யாவை?**
• கரிகால வளவனின் சிறப்புகளை தொகுத்து எழுதுக.**
• 'தமிழ்த்தாத்தா உ.வே. சாமிநாதய்யர்' பற்றி
ஒரு கட்டுரை வரைக.***
• தென்னாட்டுத் திலகர் வ.உ சிதம்பரனார் பற்றி ஒரு கட்டுரை வரைக ****
• குமர குருபரர் குறித்து கட்டுரை வரைக.***
• புலமைப் பெண்டிருள் எவரேனும் ஒருவரைப் பற்றி நீவிர் அறிந்ததை எழுதுக
• புலமைப் பெண்டிரைப் பற்றி ஒரு கட்டுரை வரைக.****
• சூடிக் கொடுத்த சுடர்க்கொடி' ஆண்டாளின் அருஞ்சிறப்புக் குறித்து ஒரு கட்டுரை
• இனியவை நாற்பது" கூறும் கருத்துகள் யாவை ?****
• 'மேதை வேதநாயகர் பற்றி ஒரு கட்டுரை வரைக.**
• அமுதசுரபியும், ஆபுத்திரனும்' என்ற தலைப்பின்கீழ் பாடநூல் கூறப்பட்டுள்ளவை யாவை? **
• ஆதிரையின் குணநலன்களை தொகுத்துரைக்க.**
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Praveshika/Expected Questions August 2021 pdf
॥ तैत्तिरीयोपनिषत् ॥ ॥ प्रथमः प्रश्नः ॥ (शीक्षावल्ली ॥ தைத்திரீயோபநிஷத்து முதல் பிரச்னம் (சீக்ஷாவல்லீ) 1. (பகலுக்கும் பிராணனுக்கும் அதிஷ்ட...