छठा अध्याय
पद-परिचय
किसी वाक्य में प्रयुक्त भिन्न-भिन्न शब्दों का व्याकरण-शास्त्र के अनुसार परिचय देना, उनके भेद आदि तथा उनका परस्पर सम्बन्ध बताना पद-परिचय या शब्द-बोध कहलाता है।
वाक्य विग्रह में वाक्य के मुख्य-मुख्य अंगों-कर्त्ता, क्रिया, कर्म, आदि-को ही अलग-अलग करके दिखाया जाता है, पर पद-परिंचय में प्रत्येक . पद का विस्तारपूर्वक परिचय दिया जाता है। जैसे " धोबी कपड़ा धोता है" इस वाक्य का विग्रह करते हुए इतना पर्याप्त है कि "धोबी" उद्देश्य (कर्ता) है, 'धोता है' विधेय (क्रिया) है और 'कपड़े' विधेय का विस्तार ( कर्म) है. पर पद-परिचय में प्रत्येक पद का विस्तृत परिचय देना पड़ेगा। धोता है' क्रिया के लिए यह बताना होगा कि यह किस तरह की क्रिया है ( सकर्मक है या अकर्मक), किस काल की है और किस वचन की इत्यादि। भिन्न-भिन्न शब्द भेदों की व्याख्या करने में नीचे लिखी बातों का उल्लेख होना चाहिए।
संज्ञा-प्रकार (एकवचन) कारक (कर्ता, कर्म आदि) और क्रिया आदि दूसरे पदों से सम्बन्ध
सर्वनाम-प्रकार (पुरुषवाचक, निश्चय वाचक आदि), जिस संज्ञा के बदले प्रयुक्त हुआ है उसका निर्देश, पुरुष (प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष आदि) लिंग, वचन, कारक तथा दूसरे शब्दों के साथ सम्बन्ध
विशेषण-प्रकार (गणनावाचंक, परिणामवाचक आदि) विशेष्य का परिचय, लिंग, वचन, आदि।
क्रिया-प्रकार (सकर्मक, अकर्मक आदि), वाच्च (कर्तृवाच्च, कर्मवाच्च आदि), काल और उसके अवान्तर भेद (सामान्य भूत, सामान्य वर्तमान आदि), पुरुष, लिंग, वचन तथा कर्ता, कर्म का परिचय।।
क्रिया विशेषण-प्रकार (कालवाचक, स्थानवाचक आदि) जिस क्रिया का विशेषण हो उसका परिचय।
सम्बन्ध-बोधक-सम्बन्धी शब्दों का परिचय।
समुच्चय-बोधक-प्रकार (संयोजक, विभाजक आदि), जिन शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़े उनका परिचय।
द्योतक-मन के जिस विकार को प्रकट करे उनका परिचय।
पद-परिचय के नमूने
1. मेरी छोटी बहन अभी स्कूल से आई है।
मेरी-पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, सम्बन्ध कारक सम्बन्धी शब्द 'बहन'।
छोटी-गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग एकवचन, 'बहन'।
बहन-जातिवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'आई है' क्रिया का कर्त्ता।
अभी-क्रियाविशेषण अव्यय, कालवाचक, ' आई है' क्रिया के विशेषण।
स्कूल से-जातिवाचक संज्ञा पुल्लिग, एकवचन, अपादान कारक ।
आई है-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्च (कर्तरि प्रयोग), आसन्नभूत, अन्य पुरुष, एकवचन, 'बहन' इसका कर्ता है।
2. अहा! आप और मैं परीक्षा में पास हो गये।
अहा-द्योतक, हर्षवर्धक।
आप-सर्वनाम, पुरुषवाचक, (आदरसूचक) मध्यम पुरुष, एकवचन, कर्ताकारक, 'पास हो गये' क्रिया का कर्ता।
और-योजक, संयोजक, आप और 'मैं' को मिलाता है।
मैं-सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक 'पास हो गये' क्रिया का कर्त्ता।
परीक्षा में-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
पास हो गये-संयुक्त क्रिया, अकर्मक, कर्तृवाच्च, सामान्यभूत, पुल्लिग, बहुवचन, उत्तमपुरुष, 'आप' और 'मैं' इसके कर्ता है।
3. समझदार लड़के किसी से नहीं लड़ते।
समझदार-विशेषण, गुणवाचक, विशेष्य लड़के का विशेषण, पुल्लिग, बहुवचन।
लड़के-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता, कारक, 'समझदार विशेषण का विशेष्य 'लड़ते' क्रिया का कर्ता।
किसी से-सर्वनाम, अनिश्चयवाचक, प्रथमपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्मकारक।
नहीं-क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, 'लड़ते' क्रिया का विशेषण।
लड़ते-सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्च, सामान्य वर्तमान, पुल्लिंग, प्रथम पुरुष, बहुवचन, 'लड़के' इनका कर्त्ता है।
4. गर्मी में ठंडे जल में नहाने से बड़ा आनन्द आता है।
गर्मी में-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिग, एकवचन, अधिकरण कारक।
ठंडे-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, इसका विशेष्य 'जल में' है।
जल में-संज्ञा, जातिवाचक, (या द्रव्यवाचक) पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक, 'ठंडे' विशेषण विशेष्य ।
नहाने में-संज्ञा, क्रियार्थक, भाववाचक पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक।
बड़ा-विशेषण, परिमाणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, इसका विशेष्य आनन्द है।
आनन्द-संज्ञा, भाववाचक, पुल्लिंग, एकवचन कर्त्ता कारक ' आता है' क्रिया का कर्ता ।
आता है-क्रिया अकर्मक, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमान पुल्लिग, प्रथम पुरुष, एकवचन, आनन्द इसका कर्ता है।
5. आज मुझसे पुस्तक नहीं पढ़ी जाती क्योंकि मेरी आँखों में दर्द है
आज-क्रिया-विशेषण, कालवाचक, 'पढ़ी जाती' क्रिया का विशेषण
मुझसे-सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम, पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, 'पढ़ी जाती' कर्मवाच्य क्रिया का कर्ता।
पुस्तक-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, 'पढ़ी जाती' कर्मवाच्य क्रिया का कर्म।
नहीं-क्रिया विशेषण अव्यय, प्रकारवाचक, 'पढ़ी जाती' कर्मवाच्य क्रिया का विशेषण।
पढ़ी जाती-संयुक्त क्रिया, सकर्मक, कर्मवाच्य, वर्तमानकाल (सामान्य वर्तमान) स्त्रीलिंग, प्रथम पुरुष, एकचवचन, ' पुस्तक' इसका कर्म है।
क्योंकि-समुच्चयबोधक अव्यय। कारणवाचक, 'मुझसे....जाती' 'मेरी..... आँखों में दर्द है' इन वाक्यों को मिलता है।
मेरी-सर्वनाम पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, सम्बन्धकारका
आँखों में-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन अधिकरण कारक।
दर्द-संज्ञा, भाववाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'है' क्रिया का कर्ता।
है-क्रिया, अकर्मक, कर्तृवाच्य वर्तमान काल (सामान्य वर्तमान) प्रथम पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, 'दर्द' इसका कर्ता है।
6. हाय! लाल! हमारी विपत्ति और बुढ़ौती की ओर भी तुमने न देखा।
हाय-विस्मयादि बोधक अव्यय, शोक सूचित करता है।
लाल-संज्ञा जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, सम्बोधन कारक।
हमारी-सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, स्त्रीलिंग, बहुवचन, सम्बन्ध कारक सम्बन्धी शब्द 'विपत्ति और बुढ़ौती'।
विपत्ति, बुढौती की-दोनों भाववाचक संज्ञाएँ स्त्रीलिंग, एकवचन सम्बन्ध 'कारक और ' सम्बन्ध सूचक अव्यय से सम्बद्ध।
और-संयोजक, समुच्चय-बोधक, अव्यय, 'विपत्ति' और बुढ़ौती को जोड़ता है।
और-सम्बन्ध-बोधक अव्यय, 'विपत्ति' और 'बुढ़ौती' के आगे आकर देखा क्रिया से उसका सम्बन्ध जोड़ता है।
भी-अनुबद्ध क्रियाविशेषण।
तुमने-सर्वनाम, पुरुषवाचक, एकवचन, पुल्लिग, मध्यम पुरुष कर्ता कारक, देखा क्रिया का कर्ता।
न-क्रिया विशेषण, निषेधवाचक, 'देखा' क्रिया का विशेषण।
देखा-क्रिया, सकर्मक, कर्तृवाच्य, कर्मणि, प्रयोग, सामान्यभूत, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिग, 'तुमने' इसका कर्ता है।
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