शब्द-पुनरुक्ति (Tautology)
1. पीछे-पीछे आयो।
2. आगे-आगे मत भागो।
3. कुछ-कुछ तो मैं समझ गया।
4. सुनी-सुनाई है नहीं, देखा-देखी बात ।
5. माँ रो-रोकर पागल हो गई ।
इन वाक्यों में एक ही शब्द दो-दो बार आया है। इस प्रकार के शब्दों को पुनरुक्त शब्द कहते हैं। ये दो प्रकार के हैं- I. पूर्ण पुनरु्त, 2. अपूर्ण पुनरुक्त ।
1. पूर्ण पुनरुक्त शब्द-
जब कोई एक शब्द एक ही साथ लगातार दो बार या तीन बार प्रयुक्त होता है, तब उसे 'पूर्ण पुनरुक्त' शब्द कहते हैं।
पुनरुक्ति करने से शब्दार्थ में विशेष बल आ जाता है । यह पुनरुक्ति संज्ञा, सर्वनाम आदि सभी शब्द-भेदों में होती है। यथा
वाक्य विशेषार्थ
घर-घर' आनन्द छा गया । प्रत्येक' अर्थ
'देश-देश' के राजा स्वयंवर आए । 'विविध' अर्थ
'हँसी-हँसी' में लड़ाई हो गई। 'विरोध' अर्थ '
'कली-कली' बिखर गई । सम्पूर्णता' अर्थ
इस प्रकार कभी-कभी दो शब्दों के बीच में एक अव्यय भी आ जाता है।
जैसे-मन ही मन ।
विशेषण की पुनरुक्ति-
बड़े-बड़े महारथी, मन्द-मन्द हवा, मीठे-मीठे ।
क्रिया की पुनरुक्ति-
रो-रोकर, होते-होते हम कराची पहुंचे।
बैठे-बैठे तुम्हारा ध्यान आया । सोते-सोते, चलते-चलते ।
क्रिया-विशेषण की पुनरुक्ति-
धीरे-धीरे, कभी-कभी, जब-जब, कुछ कुछ, कुछ न कुछ, ज्यों-ज्यों ।
सम्बन्धसूचक की पुनरुक्ति-
किनारे के साथ-साथ, मेरे पीछे-पीछे, गिलास के नीचे-नीचे, जंगल के पास-पास ।
वि्मयाबोधक की पुनरुक्ति-
छि:-छिः ! थू-थू ! हाय-हाय ! अरे -अरे ! धिक्-धिक् !
2. अपूर्ण पुनरुक्त शब्द -
जब दो सार्थक अथवा एक सार्थक, एक निरर्थक जादी निरर्थक, शब्दों के मेल से पुनरुक्ति होती है, तब उसे 'अपूर्ण पुनरुकत' प्रद कहते हैं।
जैसे-
संज्ञा -
डाँट-डपट, पान-वान, काम-काज, अंट-संट,
बातचीत, टीप टाप, बड़बड़, टनटन, खटपट ।
विशेषण-
थोड़ा-बहुत, हट्टा-कट्टा, अमीर-गरीब, भरा-पूरा,
दुबला-पतला, अच्छा-खासा, गड़बड़िया, फटफटिया ।
क्रिया-
घटा-बढ़ी, लेवा-बेची, बैठे-बिठाए, लड़ना-भिड़ना, पूछना ताछना,
हिनहिनाना, भिनभिनाना।
प्रव्यय-
यहाँ-वहाँ, जहाँ-तहाँ, इधर-उधर, आगे-पीछे, झटपट, थर-थर ।
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