कहावतें
1) ईद के चाँद होना :
அத்தி பூத்தார் போல - ONCE IN A BLUEMOON
दुष्प्राप्य होना, मिलना दुर्लभ होना ।
आजकाल कुशल हिन्दी अध्यपाकों का मिलना "ईद के चाँद हो गये हैं। "
2) आग लगे तब खोदे कुआँ :
தீ பிடித்த பிறகு கிணறு தோண்டுவது அதாவது ஆபத்து வந்தபின் அதிலிருந்து தப்பிக்க முயற்சி செய்வது.
विपत्ति के आने पर उसके हल का उपाय सोचना ।
हिन्दी अध्यापक ने कहा - हिन्दी परीक्षाएँ निकट आ गयी हैं, अभी से पढना शुरू कीजिए। मगर, छात्रगण बिना पढे बोलते-खेलते रहे। परीक्षा के पूर्व दिन एकदम पढने बैठे। इसे देखकर हिन्दी अध्यापक ने कहा "आग लगे तब खोदे कुआँ"
3) हवन करते हाथ जलना :
நன்மை செய்பவனுக்கு நன்மைக்க்ப் பதில் நன்மை ஏற்படாமல் தீமை ஏற்படுதல்.
भलाई के बदले बुराई होना।
हिन्दी परीक्षा में गणेश की उत्तर-पुस्तक देखकर रमेश ने नकल की। परीक्षा फल निकला, तो गणेश का अंक कम था और रमेश का अंक ज्यादा था। गणेश को चिंता हुई कि हवन करते हाथ जल गया।
4) कभी गाडी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर :
ஓடம் ஒரு நாள் வண்டியில் ஏறும், வண்டியும் ஒருநாள் ஓடத்தில் ஏறும். (அல்லது) காலம் ஒரே மாதிரி இருப்பதில்லை.
समय एक-सा नहीं रहता, परिस्थिति का पलट जाना ।
मोहन हिन्दी का विरोध करता था। हिन्दी पढने-पढानेवालों का भी विरोध करता था। अब उसे दिल्ली में नौकरी मिल गयी है। इसलिए हिन्दी वर्ग जाने लगा। इसपर कण्णन ने कहा "कभी नाव गाडी पर, कभी गाडी नाव पर।"
5) कुआँ प्यासे के पास नहीं जाता :
தேவையுள்ளவன் அது கிடைக்கும் இடம் நாடிச் செல்ல வேண்டும்.
जिसको गरज होती है वही दूसरे के पास जाता है।
माधवन ने केशवन से कहा "तुम अपने राष्ट्रभाषा की किताब मेरे घर आकर दे देना। इसपर केशवन ने कहा "कुआँ प्यासे के पास नहीं जाता। चाहो तो तुम मेरे घर आकर ले लेना।"
6) लकडी के बल बंदरिया नाचै :
கோலாட குரங்கு ஆடும் .
அதாவது தண்டனைக்கு பயந்து வேலை செய்தல்.
दण्ड के भय से आदमी सब कुछ करता है।
हिन्दी अध्यापक कहा - "चिल्लाइए मत!" मगर कोई नहीं मानता था, सब चिल्ला रहे थे। इसे देखकर अध्यापक ने जोर से कहा - अब कोई चिल्लाए तो उसे बाहर निकाल दूँगा या बेंच पर खड़ा कर दूँगा। बस सब शांत होकर पाठ पढने लगे। इसी को "लकडी के बल बंदरिया नाचै कहावत सही है न!”
(या)
सरकार ने विनती की कि हॅलमेट पहनिए जान बचा लीजिए। एक-दो के सिवा कोई सिर का कवच यानी हॅलमेट नहीं पहनते थे। तब सरकार ने कानून बनाया कि सिर का कवच नहीं पहननेवालों पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बस, सब लोग सिर का कवच पहनने लगे। "लकडी के बल बंदरिया नाचै" कहावत सही है न!
7) चिराग तले अंधेरा :
யானைக்கும் அடி சறுக்கும்.
बडे आदमियों से भी भूल हो जाना।
कई लोग हिन्दी सीखकर अमीर बन गए। जीवन में आगे बढ़ गए। लेकिन उनके हिन्दी अध्यापक गरीब ही रहे। क्योंकि चिराग तले अंधेरा होता है न।
8) मरी गाय वामन के हाथ :
பயனற்ற பொருளைத் தானமாகக் கோடுத்தல்.
निकम्मी चीज का दान देना ।
हिन्दी अध्यापक ने छात्रों से कहा पुरानी हिन्दी किताबें वापस लाकर देना। मैं उसे गरीब छात्रों को दूँगा। पर एक छात्र ने बिलकुल फटी किताब वापस लाकर दी। इसपर अध्यापक ने कहा क्या भाई मरी गाय वामन के हाथ देते हो।
9) हीरे की परख जौहरी जाने :
வைரத்தின் மதிப்பு வைர வயாபாரிக்குத் தான் தெரியும்.
गुणी ही गुण को पहचान सकता है।
लता बचपन में ही हिन्दी सीखने लगी। मगर मीरा ने ऐसा नहीं किया। लता को दिल्ली में अच्छी नौकरी मिल गयी। लेकिन मीरा को नौकरी नहीं मिली, क्योंकि वह हिन्दी नहीं जानती थी। क्योंकि "हीरे की परख जौहरी ही जान सकता है न।"
10) हाथीके दाँत खाने के और दिखाने के और :
சொல்வது ஒன்று செய்வது வேறு அல்லது ஏமாற்றுதல்
कहना कुछ करना कुछ, धोखा देना।
कुछ राजनीतिज्ञ लोग हिन्दी का विरोध करते हैं, मगर वे अपने परिवारवालों को हिन्दी पढवाते हैं। इस पर कुछ लोग कहने लगे कि हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और। सच है न ।
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