Sanskrit sahithyakar / भवभूति/ महाकवि माघ
भवभूति
* समय - 680 - 750 ई के मध्य
* पितामह - भट्ट गोपाल.
पिता - नीलकण्ठ
* माता - जतुकर्णी.
भवभूति का मूल नाम - श्री कण्ठ
* गोत्र - काश्यप.
भवभूति के गुरु - ज्ञाननिधि
* भवभूति उपासक थे - शिव के
* निवासी - पद्मपुर
* भवभूति का दार्शनिक नाम - उदुम्बर
* रचनाएँ —3
1.उत्तररामचरित - 7अंक नाटक (करुणरस)
2. महावीरचरित - 7अंक नाटक (वीररस)
3. मालतीमाधव - 10 अंक प्रकरण (श्रृंगार रस)
* भवभूति का प्रिय छन्द - अनुष्टुप और शिखरिणी
*उपाधि-शिखरिणी कवि, पदवाक्यप्रमाणज्ञ, परिणतज्ञ
* भवभूति कन्नौज राजा यशोवर्मा के राजाश्रय में थे।
* "कारूण्यं भवभूतिरेवतनुते "
महाकवि माघ
★स्थितिकाल:- ६७५ ई. (लगभग) या भारवि के बाद का समय।
★जन्म स्थान:- भीनमाल, जिला:-जालौर,राजस्थान।
★महाकवि माघ के पिता:- श्री सुप्रभवदेव
★महाकवि माघ का जाति:- श्रीमाली ब्राह्मण
★महाकवि माघ की उपाधि:- घण्टामाघ
★महाकवि माघ का प्रिय छन्द:- मालिनी।
★माघ के मृत्यु का कारण:- पादशोथ रोग।
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