लोकोक्तियाँ और मुहावरे
वाक्य-रचना के अध्याय में बताया जा चुका है कि मुहावरेदार भाषा बहुत पसंद की जाती है, और लोकोक्ति युक्त कथन बड़ा प्रभावशाली होता है। मुहावरे और लोकोक्तियाँ अनन्त हैं। यहाँ कुछ थोड़े से चुने हुए मुहावरे और प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ दी जाती हैं।
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मुहावरे
अंग-अंग मुस्काना-बहुत ही प्रसन्न होना।
अंगार उगलना-गुस्से में कठोर वचन कह डालना।
अंगूठा दिखाना-किसी चीज को देने से तिरस्कार के साथ इन्कार करना।
अंधे की लकड़ी-एकमात्र आधार।
अंधेरे घर का उजाला-एकलौता बेटा।
अक्ल के घोडे दौडाना–युक्तियाँ सोचना।
अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना-समझाने पर उल्टा काम करना।
अक्ल चरने जाना }
अक्ल पर पत्थर पड़ना }- समझ न पाना
अपना उल्लू सीधा करना-स्वार्थ सिद्ध करना।
अपना सा मुँह लेकर रह जाना- विफल होकर लज्जित होना।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना- सब से अलग रहना।
अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना-स्वयं अपना नुकसान करना।
अपने मुँह मियाँ मिठू बनना-अपनी प्रशंसा आप करना।
आँख उठाना-बुरी नीयत से देखना।
आँख खुलना-होश आना।
आँख लगना-सो जाना।
आँखें चार होना-आँख से आँख मिलाना।
आँखें दिखाना-क्रोध से घूरना; क्रोध करना, धमकाना
आँखें नीची होना-शर्मिन्दा होना।
आँखें पीली करना-नाराज होना।
आँखें फेर लेना-प्रतिकूल हो जाना।
आँखें लग जाना-प्रेम हो जाना, नींद आ जाना।
आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
आँच न आने देना-कष्ट न होने देना।
आँसू पोंछना-दिलासा देना।
आकाश पाताल का अंतर-बहुत भेद।
आकाश से बात करना-बहुत ऊँचा होना।
आग में घी डालना-क्रोध बढ़ाना।
आटा गीला होना-कठिनाई में पड़ना।
आटे दाल का भाव मालूम होना-कष्ट का अनुभव होना।
आड़े हाथों लेना-खरी-खोटी सुनाना।
आपे से बाहर होना-क्रोध के आवेश में सुध-बुध खो बैठना।
आसमान पर चढ़ना-अत्यधिक प्रशंसा करना।
आसमान सिर पर उठाना-बहुत कोलाहल करना।
आसमान से बातें करना-डंक मारना, बढ़-बढ़ कर बातें करना।
इने गिने-थोड़े से।
ईंट से ईंट बजाना-विध्वंस करना।
ईद का चाँद होना-चिरकाल पीछे दर्शन देना।
उँगली पर नचाना-वश में रखना।
उधार खाये बैठना-ताक में रहना।
उधेड़बुन-सोच विचार।
उल्टी गंगा बहाना-विपरीत बात करना।
कमर टूट जाना-निराश हो जाना।
कलेजे पर साँप लोटना-ईर्ष्या से या दुख से दिल जलना।
कलेजा मुँह को आना-जी घबराना।
कागजी घोड़े दौड़ाना-बातें बनाना, काम न करना।
कान कतरना-बढ़ पर काम करना।
कान खुलना-होश आना।
कान देना-ध्यान देकर सुनना।
कान पकड़ना-किसी बुरे काम को फिर न करने का व्रत लेना।
कान भरना-चुगली करना।
कान पर जूं न रेंगना, कान में तेल डाले बैठे रहना-बार-बार कहने पर ध्यान न देना।
काम आना-युद्ध में मारा जाना।
काला नाग- -अत्यन्त कुटिल या छोटा।
किताब का कीड़ा होना-अधिक पढ़ते रहना।
किस मर्ज की दवा-किस काम के लिए।
किस मुँह से-किस बल पर।
किस्सा खतम होना-झगड़ा निपट जाना।
कुआँ खोदना-हानि पहुँचाने का हल करना।
कुत्ते की मौत मरना-बहुत बुरी तरह से मरना।
कुछ पल का मेहमान होना-मरने के करीब होना।
कोरा जवाब-साफ इन्कार।
कोल्हू का बैल-रात दिन काम करने वाला, अत्यन्त परिश्रमी।
खटाई में पड़ना-झमेले में पढ़ना, कुछ निश्चित न होना।
खाक उड़ाना; खाक में मिलना-बरबाद होना।
खाक छानना-भटकना।
खालाजी का घर-आसान काम।
खिचड़ी पकाना-गुप्त रूप से पड़ मंत्र करना।
खून उबलना-गुस्सा आना।
खून सूखना-डरना।
खून का प्यासा-किसी की जान लेने पर उतारू।
ख्याली पुलाव पकाना-मनमानी कल्पना करना।
गड़े मुर्दे उखाड़ना-पुरानी बातों को ले बैठना।
गर्दन उठाना-विरोध करना।
गर्दन पर सवार होना-पीछा न छोड़ना।
गला घोंटना-जबरदस्ती करना।
गले का हार-अति प्रिय, जो कभी जुदा न किया जा सके।
गाँठ का पूरा-मालदार।
गाँठ बाँधना-अच्छी तरह याद रखना।
गाल बजाना-डींग मारना।
गिन गिन कर-धीरे से या कष्ट से।
गीदड़ भभकी-खाली धमकी।
गुड़ गोबर कर देना-काम बिगाड़ देना।
गुरु घंटाल-बड़ा चालाक।
घड़ों पानी पड़ जाना-अत्यन्त लजित होना।
घर का रास्ता लेना-चले जाना।
घर तक पहुँचाना-समाप्ति तक पहुँचाना।
घर बैठे-बिना परिश्रम किये।
घर में गंगा-बिना दौड़-धूप के किसी वस्तु की प्राप्ति।
घाट घाट का पानी पीना-जहाँ तहाँ का अनुभव करना।
घाव पर नमक छिड़कना-दुखी को दुर्वचनों द्वारा और दु:ख देना।
घास खोदना-व्यर्थ समय गंवाना।
घी के दिये जलाना-मौज करना।
घोड़े बेच कर सोना-निश्चिन्त होकर सोना।
चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना-होते हुए काम में विघ्न डालना।
चाँद पर थूकना-किसी की व्यर्थ निन्दा करना और फल: स्वयं निन्दित
होना।
चादर से बाहर पैर पसारना-आय से अधिक व्यय करना।
चार दिन की चाँदनी-थोड़े दिन का सुख।
चार पैसे-कुछ धन।
चिउँटे को पर लगना-मृत्यु समीप आना।
चिकना घड़ा-वह आदमी जिस पर उपदेश का कुछ असर न हो।
चुटकियों में-अति शीघ्र।
चुल्लू भर पानी में डूब मरना-लज्जा के मारे मुँह न दिखाना।
चूँ न करना- -विरोध में कुछ न कहना।
चूड़ियाँ पहनना-औरत बनना।
चेहरा उतरना-उदास होना।
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना-भयभीत होना।
चोली दामन का साथ-निरन्तर साथ रहना, अत्यधिक घनिष्ठता।
चौका लगाना-नष्ट कर देना।
छँटा हुआ-बदमाश।
छक्के छूटना-हिम्मत हारना।
छठी का दूध याद आना-सब सुख भूल जाना, भारी संकट आ पड़ना।
छप्पर फाड़ कर देना- बिना परिश्रम के देना।
छाती पर मूंग दलना-किसी के सामने दुख देने वाली बात करना।
छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या होना।
जबान पर लगाम न होना-अंड-बंड कह डालना।
जमीन पर पैर न पड़ना-बहुत अभिमान होना।
जल भुन कर कोयला होना- क्रोप में पागल हो जाना।
जहर का घूंट पीना-किसी अनुचित बात को देख कर अन्दर ही अन्दर
क्रोध न कर लेना।
जान के लाले पड़ना-संकट में पड़ना।
जान पर खेलना-खुशी में प्राण देना, खतरे का काम करना।
जीती मक्खी निगलना-सरासर बेईमानी करना।
जूते पड़ना-नुकसान होना।
जूती चाटना-चापलूसी करना।
टका-सा जवाब देना-साफ इन्कार कर देना।
टक्कर का-मुकाबले का।
टडी की आड़ में शिकार खेलना - गोश्त रीति से किसी के विरुद्ध काम करना
टस से मस न होना-जरा भी न हिलना।
टांग अड़ाना-फिजूल दखल देना, बाधा डालना।
टॉय टॉय फिस-आयोजन तो बहुत पर फल तुच्छ ।
टेढ़ी खीर-कठिन काम।
टोपी उछालना-निरादर करना।
ठन ठन गोपाल-छूछा, पास में कुछ भी नहीं।
ठोंकना बजाना-परीक्षा करना।
ठोकरें खाना-भूल करना।
डंका बजाना-अधिकार होना।
अंडे बजाते फिरना-निकम्मे फिरना।
बनी नाव को पार लगाना-संकट में छुड़ाना।
डूबते को तिनका का सहारा- निस्सहाय मनुष्य की थोड़ी सी सहायता।
डेढ़ ईट की जुदा मसाजिद बनाना-पृथक् मत चलाना।
तिनका दांतों में पकड़ना-क्षमा की भिक्षा मांगना।
तिल का ताड़ करना-बाल बढ़ाना।
तिल धरने की जगह न होना-बहुत अधिक भीड़ होना।
तिलों में तेल न होना-आशा न होना।
तीन तेरह करना-तितर-बितर करना।
तीन में न तेरह में-किसी गिनती में नहीं।
तू तू मैं मैं-गाली-गलौज, लड़ाई-झगड़ा।
तेवर बदलना-अप्रसन्न हो जाना।
तोते की तरह आँखें फेर लेना-बिल्कुल बेमुरव्वत होना।
थाली का बैंगन-कभी इस पक्ष में कभी उस पक्ष में।
थकना भी नहीं-अत्यन्त घृणा करना।
थूक कर चाटना-वचन दे कर फिर जाना।
दम भरना-भरोसा करना।
दम भरने की फुरसत न होना-जरा भी समय न होना।
दांत खट्टे करना-पराजित करना।
दाँतों तले उँगली दबाना-आश्चर्य प्रकट करना।
दम तोड़ना-मर जाना।
दाँत निकलना-व्यर्थ हँसना।
दाई से पेट छिपाना-जानने वाले से कोई बात छिपाना।
दाना पानी-जीविका।
दाल में कुछ काला-कुछ खटके या सन्देह की बात होना।
दाल न गलना-वश न चलना।
दाहिना हाथ-बड़ा भारी सहायक।
दिन दूना रात चौगुना होना-खूब उन्नति होना।
दिन फिरना-बुरे दिनों में अच्छे दिन आना।
दिल मिलना-एक दूसरे के अनुकूल होना।
दीन दुनिया को भूल जाना-बिल्कुल बेकार हो जाना।
दो टूक बात-थोड़ी ही में कही साफ-साफ बात।
दुनिया की हवा लगना-जगत् व्यवहार का परिचय होना।
दुम दबा कर भागना-डर के मारे भागना।
दूध का दूध और पानी का पानी-ठीक-ठीक न्याय।
दूध के दाँत न टूटना-ज्ञान और अनुभव न होना।
दो कौड़ी का आदमी-तुच्छ आदमी।
दो नावों पर पैर रखना-दो विरोधी पक्षों का आश्रय लेना।
धज्जियाँ उड़ना-दोष निकालना।
धता बताना-चलता करना।
धूप में बाल सफेद करना-बिना अनुभव प्राप्त किये आय बिता देना।
धोखे की टट्टी-भ्रम में डालने वाली चीज।
धोती ढीली होना-डर जाना।
न इधर का रहना न उधर का-किसी काम का न रहना।
नजर लगना-बुरी दृष्टि का प्रभाव होना।
नमक मिर्च लगाना-बात को बढ़ा कर कहना।
नाक कटना-बदनामी होना।
नाक चढ़ाना-घृणा करना।
नाक पर मक्खी न बैठने देना-किसी का अहसान न उठाना।
नाक में दम करना-बहुत तंग करना।
नाक रखना-इज्जत रखना।
नाक रख लेना-इज्जत बना लेना।
नाक रगड़ना-देवता से प्रार्थना करना।
नाकों चने चबाना-खूब तंग करना।
नाच नचाना-मनचाहा करा लेना।
नादिरशाही-सख्त अत्याचार।
नानी याद आना-होश ठिकाने आ जाना।
मोम को भी नहीं-जरा-सी भी नहीं।
नाम न लेना-दूर रहना, बचना।
निन्यानवे के फेर में पड़ना-रुपया जोड़ते की चिन्ता में पड़ना।
नीचा दिखाना-धर्म तोड़ना।
पीला पीला होना-गुस्से में आना।
नौ-दो ग्यारह होना-भाग जाना।
पगड़ी उछालना-बेइज्जत करना।
पट्टी पढ़ाना-बुरी सलाह देना।
पत्थर की लकीर-दृढ़, पक्की बात।
परदा डालना-छिपाना।
पल्ला भारी होना- पक्ष बलवान होना।
पहाड़ टूट पड़ना-भारी विपत्ति आना।
पांचों उंगली घी में होना-खूब लाभ होना।
पाँव धो-धो कर पीना-अत्यन्त आदर करना।
पखाना निकलना- डर के मारे बुरा हाल होना।
पानी का बुलबुला-क्षणभंगुर।
पानी की तरह बहाना-उदारता से खर्च करना।
पानी पानी होना-लजा से सिर नीचा होना।
पानी भरना-अत्यन्त तुच्छ प्रतीत होना।
पाप काटना-झगड़ा दूर होना।
पाप मोल लेना-जानबूझ कर बखेड़ा में फँसना ।
पापड़ बेलना-अनेक धन्धों में लगना।
पीठ ठोंकना-उत्साह बढ़ाना।
पीठ दिखाना-हार कर भाग जाना।
पुल बाँधना-बहुत बढ़ा कर कहना
पेट में चूहे कूदना-खूब भूख लगना।
पैरों तले से जमीन निकल जाना- होश उड़ जाना।
पोल खोलना-गुप्त भेद प्रकट करना।
पौ बाहर होना-खूब लाभ होना।
प्राण हथेली पर लिये फिरना-प्राण देने पर उतारू रहना।
फुसफुस करना-धीरे-धीरे यात्रा करना।
फूंक फूंक कर कदम रखना-सोच-समझ कर काम करना।
फूट-फूट कर रोना-बहुत रोना।
बन्दर घुड़की-ऐसी लड़की जिसका प्रभाव न हो।
बगुला भगत-कपटी धूर्त।
बगलें झाँकना-निरुत्तर होना।
बरस पड़ना-कुद्ध होकर डाँटने-डपटने लगना।
बल्लियों उछलना-खूब खुश होना।
बायें हाथ का खेल-अति सुगम।
बाँह पकड़ना-सहायता देना।
बाग बाग होना-आनन्दित।
बाजार जोरों पर होना-काम जोरों पर होना।
बात का बतंगड़ बनाना-तुच्छ कारण से झगड़ा करना।
बात का धनी-वायदे का पक्का।
बाल की खाल उतारना-व्यर्थ में सूक्ष्म विवेचना करना।
बाल पकना-बूढ़ा हो जाना, अनुभव प्राप्त करना।
बाल बाल बचना-हानि पहुँचने में जरा-सी कसर रह जाना।
बाल भी बाँका न होना-जरा भी हानि न होना।
बालू की भीत-शीघ्र ही नष्ट होने वाला। .
बीड़ा उठाना-जिम्मेदारी लेना।
बेगार टालना-दिल लगाकर काम न करना।
बे-सिर पैर का -असंबद्ध होना।
बोलबाला होना-प्रसिद्ध होना।
बोली मारना-व्यंग्य के शब्द कहना।
भंडा फूटना-भेद खुलना।
भनक पड़ना-खबर दे जाना।
भाड़ झोंकना-व्यर्थ समय गँवाना।
भाड़े का टटू-किराये का आदमी।
भिड़ के छत्ते को छेड़ना-फसादी आदमी को छेड़ना।
मक्खियाँ मारना-बेकार फिरना।
मक्खी चूस-बहुत कंजूस।
मक्खी पर मक्खी मारना-ज्यों की त्यों नकल करना।
मन में लड्डू खाना-मन ही मन में खुश होना।
मगज चाटना-तंग करना।
माथा ठनकना-आशंका होना।
मारा मारा फिरना-दुर्गति होना।
मिट्टी करना-नष्ट करना।
मिट्टी का माधो-मूर्ख।
मिट्टी पलीत करना-खराब करना।
मुँह चलाना-बकना।
मुँह ताकना-अकर्मण्य होकर दूसरे का आश्रय ढूँढ़ना।
मुँह-तोड़ जवाब देना- पूरा-पूरा जवाब देना।
मुँह धोना-आशा न करना।
मैहक हो जाना-चेहरे का रंग उतर जाना।
मुँह में कालिख लगना-अपमानित होना।
मुँह में खून लगना-चस्का पड़ना।
मुँह में पानी भर आना-खाने को ललचाना।
मुँह लगाना-अधिक स्वतन्त्रता दे देना।
मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना।
मुट्ठी में करना-वश में करना।
मोटा शिकार-मालदार आदमी।
मोम होना-दया गाना।
मौत सिर पर खेलना-मौत करीज होना।
युग-युग तक-बहुत दिनों तक।
रंग चढ़ना-प्रभाव होना।
रंग-ढंग-हाल, दशा, स्थिति आदि।
रंगा सियार-धोखेबाज।
रफूचक्कर होना-दौड़ जाना।
राई का पहाड़ बनाना-तुच्छ बात को बढ़ाकर कहना।
रात-दिन-हमेशा।
रास्ता देखना-प्रतीक्षा करना।
लंका कांड होना-खूब मारपीट होना।
लँगोटिया यार-घनिष्ठ मित्र।
लंबी-चौड़ी हाँकना-व्यर्थ बातें करना।
लटू होना-मस्त होना।
लहू के घूँट पीना-क्रोध करना।
लहू पसीना एक करना-बहुत परिश्रम करना।
लुटिया डुबाना-काम बिल्कुल बिगाड़ देना।
लेने के देने पड़ जाना-लाभ के स्थान में हानि होना।
लोहा मानना-अधीनता स्वीकार करना।
लोहे के चना चबाना-कठिन काम करना।
विष उगलना-दुर्वचन कहना।
शैतान के कान कतरना-बहुत चालाक होना।
श्रीगणेश करना- प्रारम्भ करना।
सफेद झूठ-सरासर झूठ।
सब्जबाग दिखाना-बहकाना।
समझ पर पत्थर पड़ना-बुद्धि भ्रष्ट होना।
साँप छछूँदर की दशा-दुविधा।
सात घाट का पानी पीना-अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना।
सात पाँच-चालाकी।
सिक्का बैठना-प्रभुत्व जमाना।
सितारा चमकना-भाग्य उदय होना।
सिर आँखों पर-सादर स्वीकार।
सिर चढ़ाना-(1) प्राण न्यौछावर करना, (2) लाड़ला बनाना।
सिर धुनना-हाथ मलना, पछताना।
सिर नीचा होना-अप्रतिष्ठा होना।
सिर पर आ जाना-बहुत समीप आ जाना।
सिर पर खून सवार होना-जान लेने पर उतारू होना।
सिर पर खेलना-कठिन काम करना।
सिर पर हाथ धरना-सहायता करना।
सिर पर सवार होना-पीछे लग जाना।
सिर मुंडना-ठगना।
सिर पर कफन बाँधना-मरने को तैयार।
सिर से पैर तक-आदि से अन्त तक।
सीधे मुँह बात न करना-अभिमान करना।
सोने की चिड़िया हाथ से निकल जाना-आय का द्वार बन्द हो जाना।
सौ बात की एक बात-निचोड़।
स्वाहा करना-फूँक डालना।
हँसते हँसते-प्रसन्नता से।
हँसी उड़ाना-व्यंग्यपूर्ण निन्दा करना।
हजामत करना-लूटना।
हड्डियाँ निकल आना-शरीर दुबला होना।
हथियार डाल देना-हार मान लेना।
हराम का-बेईमानी से प्राप्त।
हवा में उड़ाना-झूठी खबर फैलाना।
हवा से बातें करना-अति वेग से चलना।
हवा हो जाना-भाग जाना।
हाँ में हाँ मिलाना-खुशामद पर दूसरों का मत मान लेना।
हाथ उठाना यह गाना
-
मारना।
हाथ काटना-प्रतिज्ञा आदि से बद्ध हो जाना।
हाथ की मैल-तुच्छ वस्तु।
हाथ के तोते उड़ जाना- अकस्मात् शोक समाचार सुनकर सहम जाना।
हाथ खींचना-सहायता बन्द करना।
हाथ डालना-आरम्भ करना।
हाथ तंग होना-खर्च करने को थोड़ा धन होना।
हाथ धोकर पीछे पड़ना-बुरी तरह पीछे लगना।
हाथ धो बैठना-खो देना।
हाथ पकड़ना-सहायता देना।
हाथ पर हाथ धरे बैठना-निकम्मा बैठना।
हाथ पसारना-माँगना।
हाथ-पैर जोड़ना-दीनता दिखाना।
हाथ-पैर मारना-परिश्रम करना।
हाथ मलना-पछताना।
हाथ साफ करना-बेईमानी से ठगना।
हाथों हाथ-बहुत जल्दी।
हुक्का पानी बन्द करना-बहिष्कार करना।
होश उड़ना-भय या आशंका से दुखी होना।
धन्यवाद !
वाक्य-रचना के अध्याय में बताया जा चुका है कि मुहावरेदार भाषा बहुत पसंद की जाती है, और लोकोक्ति युक्त कथन बड़ा प्रभावशाली होता है। मुहावरे और लोकोक्तियाँ अनन्त हैं। यहाँ कुछ थोड़े से चुने हुए मुहावरे और प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ दी जाती हैं।
https://amzn.to/39tp2QX
मुहावरे
अंग-अंग मुस्काना-बहुत ही प्रसन्न होना।
अंगार उगलना-गुस्से में कठोर वचन कह डालना।
अंगूठा दिखाना-किसी चीज को देने से तिरस्कार के साथ इन्कार करना।
अंधे की लकड़ी-एकमात्र आधार।
अंधेरे घर का उजाला-एकलौता बेटा।
अक्ल के घोडे दौडाना–युक्तियाँ सोचना।
अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना-समझाने पर उल्टा काम करना।
अक्ल चरने जाना }
अक्ल पर पत्थर पड़ना }- समझ न पाना
अपना उल्लू सीधा करना-स्वार्थ सिद्ध करना।
अपना सा मुँह लेकर रह जाना- विफल होकर लज्जित होना।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना- सब से अलग रहना।
अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना-स्वयं अपना नुकसान करना।
अपने मुँह मियाँ मिठू बनना-अपनी प्रशंसा आप करना।
आँख उठाना-बुरी नीयत से देखना।
आँख खुलना-होश आना।
आँख लगना-सो जाना।
आँखें चार होना-आँख से आँख मिलाना।
आँखें दिखाना-क्रोध से घूरना; क्रोध करना, धमकाना
आँखें नीची होना-शर्मिन्दा होना।
आँखें पीली करना-नाराज होना।
आँखें फेर लेना-प्रतिकूल हो जाना।
आँखें लग जाना-प्रेम हो जाना, नींद आ जाना।
आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
आँच न आने देना-कष्ट न होने देना।
आँसू पोंछना-दिलासा देना।
आकाश पाताल का अंतर-बहुत भेद।
आकाश से बात करना-बहुत ऊँचा होना।
आग में घी डालना-क्रोध बढ़ाना।
आटा गीला होना-कठिनाई में पड़ना।
आटे दाल का भाव मालूम होना-कष्ट का अनुभव होना।
आड़े हाथों लेना-खरी-खोटी सुनाना।
आपे से बाहर होना-क्रोध के आवेश में सुध-बुध खो बैठना।
आसमान पर चढ़ना-अत्यधिक प्रशंसा करना।
आसमान सिर पर उठाना-बहुत कोलाहल करना।
आसमान से बातें करना-डंक मारना, बढ़-बढ़ कर बातें करना।
इने गिने-थोड़े से।
ईंट से ईंट बजाना-विध्वंस करना।
ईद का चाँद होना-चिरकाल पीछे दर्शन देना।
उँगली पर नचाना-वश में रखना।
उधार खाये बैठना-ताक में रहना।
उधेड़बुन-सोच विचार।
उल्टी गंगा बहाना-विपरीत बात करना।
कमर टूट जाना-निराश हो जाना।
कलेजे पर साँप लोटना-ईर्ष्या से या दुख से दिल जलना।
कलेजा मुँह को आना-जी घबराना।
कागजी घोड़े दौड़ाना-बातें बनाना, काम न करना।
कान कतरना-बढ़ पर काम करना।
कान खुलना-होश आना।
कान देना-ध्यान देकर सुनना।
कान पकड़ना-किसी बुरे काम को फिर न करने का व्रत लेना।
कान भरना-चुगली करना।
कान पर जूं न रेंगना, कान में तेल डाले बैठे रहना-बार-बार कहने पर ध्यान न देना।
काम आना-युद्ध में मारा जाना।
काला नाग- -अत्यन्त कुटिल या छोटा।
किताब का कीड़ा होना-अधिक पढ़ते रहना।
किस मर्ज की दवा-किस काम के लिए।
किस मुँह से-किस बल पर।
किस्सा खतम होना-झगड़ा निपट जाना।
कुआँ खोदना-हानि पहुँचाने का हल करना।
कुत्ते की मौत मरना-बहुत बुरी तरह से मरना।
कुछ पल का मेहमान होना-मरने के करीब होना।
कोरा जवाब-साफ इन्कार।
कोल्हू का बैल-रात दिन काम करने वाला, अत्यन्त परिश्रमी।
खटाई में पड़ना-झमेले में पढ़ना, कुछ निश्चित न होना।
खाक उड़ाना; खाक में मिलना-बरबाद होना।
खाक छानना-भटकना।
खालाजी का घर-आसान काम।
खिचड़ी पकाना-गुप्त रूप से पड़ मंत्र करना।
खून उबलना-गुस्सा आना।
खून सूखना-डरना।
खून का प्यासा-किसी की जान लेने पर उतारू।
ख्याली पुलाव पकाना-मनमानी कल्पना करना।
गड़े मुर्दे उखाड़ना-पुरानी बातों को ले बैठना।
गर्दन उठाना-विरोध करना।
गर्दन पर सवार होना-पीछा न छोड़ना।
गला घोंटना-जबरदस्ती करना।
गले का हार-अति प्रिय, जो कभी जुदा न किया जा सके।
गाँठ का पूरा-मालदार।
गाँठ बाँधना-अच्छी तरह याद रखना।
गाल बजाना-डींग मारना।
गिन गिन कर-धीरे से या कष्ट से।
गीदड़ भभकी-खाली धमकी।
गुड़ गोबर कर देना-काम बिगाड़ देना।
गुरु घंटाल-बड़ा चालाक।
घड़ों पानी पड़ जाना-अत्यन्त लजित होना।
घर का रास्ता लेना-चले जाना।
घर तक पहुँचाना-समाप्ति तक पहुँचाना।
घर बैठे-बिना परिश्रम किये।
घर में गंगा-बिना दौड़-धूप के किसी वस्तु की प्राप्ति।
घाट घाट का पानी पीना-जहाँ तहाँ का अनुभव करना।
घाव पर नमक छिड़कना-दुखी को दुर्वचनों द्वारा और दु:ख देना।
घास खोदना-व्यर्थ समय गंवाना।
घी के दिये जलाना-मौज करना।
घोड़े बेच कर सोना-निश्चिन्त होकर सोना।
चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना-होते हुए काम में विघ्न डालना।
चाँद पर थूकना-किसी की व्यर्थ निन्दा करना और फल: स्वयं निन्दित
होना।
चादर से बाहर पैर पसारना-आय से अधिक व्यय करना।
चार दिन की चाँदनी-थोड़े दिन का सुख।
चार पैसे-कुछ धन।
चिउँटे को पर लगना-मृत्यु समीप आना।
चिकना घड़ा-वह आदमी जिस पर उपदेश का कुछ असर न हो।
चुटकियों में-अति शीघ्र।
चुल्लू भर पानी में डूब मरना-लज्जा के मारे मुँह न दिखाना।
चूँ न करना- -विरोध में कुछ न कहना।
चूड़ियाँ पहनना-औरत बनना।
चेहरा उतरना-उदास होना।
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना-भयभीत होना।
चोली दामन का साथ-निरन्तर साथ रहना, अत्यधिक घनिष्ठता।
चौका लगाना-नष्ट कर देना।
छँटा हुआ-बदमाश।
छक्के छूटना-हिम्मत हारना।
छठी का दूध याद आना-सब सुख भूल जाना, भारी संकट आ पड़ना।
छप्पर फाड़ कर देना- बिना परिश्रम के देना।
छाती पर मूंग दलना-किसी के सामने दुख देने वाली बात करना।
छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या होना।
जबान पर लगाम न होना-अंड-बंड कह डालना।
जमीन पर पैर न पड़ना-बहुत अभिमान होना।
जल भुन कर कोयला होना- क्रोप में पागल हो जाना।
जहर का घूंट पीना-किसी अनुचित बात को देख कर अन्दर ही अन्दर
क्रोध न कर लेना।
जान के लाले पड़ना-संकट में पड़ना।
जान पर खेलना-खुशी में प्राण देना, खतरे का काम करना।
जीती मक्खी निगलना-सरासर बेईमानी करना।
जूते पड़ना-नुकसान होना।
जूती चाटना-चापलूसी करना।
टका-सा जवाब देना-साफ इन्कार कर देना।
टक्कर का-मुकाबले का।
टडी की आड़ में शिकार खेलना - गोश्त रीति से किसी के विरुद्ध काम करना
टस से मस न होना-जरा भी न हिलना।
टांग अड़ाना-फिजूल दखल देना, बाधा डालना।
टॉय टॉय फिस-आयोजन तो बहुत पर फल तुच्छ ।
टेढ़ी खीर-कठिन काम।
टोपी उछालना-निरादर करना।
ठन ठन गोपाल-छूछा, पास में कुछ भी नहीं।
ठोंकना बजाना-परीक्षा करना।
ठोकरें खाना-भूल करना।
डंका बजाना-अधिकार होना।
अंडे बजाते फिरना-निकम्मे फिरना।
बनी नाव को पार लगाना-संकट में छुड़ाना।
डूबते को तिनका का सहारा- निस्सहाय मनुष्य की थोड़ी सी सहायता।
डेढ़ ईट की जुदा मसाजिद बनाना-पृथक् मत चलाना।
तिनका दांतों में पकड़ना-क्षमा की भिक्षा मांगना।
तिल का ताड़ करना-बाल बढ़ाना।
तिल धरने की जगह न होना-बहुत अधिक भीड़ होना।
तिलों में तेल न होना-आशा न होना।
तीन तेरह करना-तितर-बितर करना।
तीन में न तेरह में-किसी गिनती में नहीं।
तू तू मैं मैं-गाली-गलौज, लड़ाई-झगड़ा।
तेवर बदलना-अप्रसन्न हो जाना।
तोते की तरह आँखें फेर लेना-बिल्कुल बेमुरव्वत होना।
थाली का बैंगन-कभी इस पक्ष में कभी उस पक्ष में।
थकना भी नहीं-अत्यन्त घृणा करना।
थूक कर चाटना-वचन दे कर फिर जाना।
दम भरना-भरोसा करना।
दम भरने की फुरसत न होना-जरा भी समय न होना।
दांत खट्टे करना-पराजित करना।
दाँतों तले उँगली दबाना-आश्चर्य प्रकट करना।
दम तोड़ना-मर जाना।
दाँत निकलना-व्यर्थ हँसना।
दाई से पेट छिपाना-जानने वाले से कोई बात छिपाना।
दाना पानी-जीविका।
दाल में कुछ काला-कुछ खटके या सन्देह की बात होना।
दाल न गलना-वश न चलना।
दाहिना हाथ-बड़ा भारी सहायक।
दिन दूना रात चौगुना होना-खूब उन्नति होना।
दिन फिरना-बुरे दिनों में अच्छे दिन आना।
दिल मिलना-एक दूसरे के अनुकूल होना।
दीन दुनिया को भूल जाना-बिल्कुल बेकार हो जाना।
दो टूक बात-थोड़ी ही में कही साफ-साफ बात।
दुनिया की हवा लगना-जगत् व्यवहार का परिचय होना।
दुम दबा कर भागना-डर के मारे भागना।
दूध का दूध और पानी का पानी-ठीक-ठीक न्याय।
दूध के दाँत न टूटना-ज्ञान और अनुभव न होना।
दो कौड़ी का आदमी-तुच्छ आदमी।
दो नावों पर पैर रखना-दो विरोधी पक्षों का आश्रय लेना।
धज्जियाँ उड़ना-दोष निकालना।
धता बताना-चलता करना।
धूप में बाल सफेद करना-बिना अनुभव प्राप्त किये आय बिता देना।
धोखे की टट्टी-भ्रम में डालने वाली चीज।
धोती ढीली होना-डर जाना।
न इधर का रहना न उधर का-किसी काम का न रहना।
नजर लगना-बुरी दृष्टि का प्रभाव होना।
नमक मिर्च लगाना-बात को बढ़ा कर कहना।
नाक कटना-बदनामी होना।
नाक चढ़ाना-घृणा करना।
नाक पर मक्खी न बैठने देना-किसी का अहसान न उठाना।
नाक में दम करना-बहुत तंग करना।
नाक रखना-इज्जत रखना।
नाक रख लेना-इज्जत बना लेना।
नाक रगड़ना-देवता से प्रार्थना करना।
नाकों चने चबाना-खूब तंग करना।
नाच नचाना-मनचाहा करा लेना।
नादिरशाही-सख्त अत्याचार।
नानी याद आना-होश ठिकाने आ जाना।
मोम को भी नहीं-जरा-सी भी नहीं।
नाम न लेना-दूर रहना, बचना।
निन्यानवे के फेर में पड़ना-रुपया जोड़ते की चिन्ता में पड़ना।
नीचा दिखाना-धर्म तोड़ना।
पीला पीला होना-गुस्से में आना।
नौ-दो ग्यारह होना-भाग जाना।
पगड़ी उछालना-बेइज्जत करना।
पट्टी पढ़ाना-बुरी सलाह देना।
पत्थर की लकीर-दृढ़, पक्की बात।
परदा डालना-छिपाना।
पल्ला भारी होना- पक्ष बलवान होना।
पहाड़ टूट पड़ना-भारी विपत्ति आना।
पांचों उंगली घी में होना-खूब लाभ होना।
पाँव धो-धो कर पीना-अत्यन्त आदर करना।
पखाना निकलना- डर के मारे बुरा हाल होना।
पानी का बुलबुला-क्षणभंगुर।
पानी की तरह बहाना-उदारता से खर्च करना।
पानी पानी होना-लजा से सिर नीचा होना।
पानी भरना-अत्यन्त तुच्छ प्रतीत होना।
पाप काटना-झगड़ा दूर होना।
पाप मोल लेना-जानबूझ कर बखेड़ा में फँसना ।
पापड़ बेलना-अनेक धन्धों में लगना।
पीठ ठोंकना-उत्साह बढ़ाना।
पीठ दिखाना-हार कर भाग जाना।
पुल बाँधना-बहुत बढ़ा कर कहना
पेट में चूहे कूदना-खूब भूख लगना।
पैरों तले से जमीन निकल जाना- होश उड़ जाना।
पोल खोलना-गुप्त भेद प्रकट करना।
पौ बाहर होना-खूब लाभ होना।
प्राण हथेली पर लिये फिरना-प्राण देने पर उतारू रहना।
फुसफुस करना-धीरे-धीरे यात्रा करना।
फूंक फूंक कर कदम रखना-सोच-समझ कर काम करना।
फूट-फूट कर रोना-बहुत रोना।
बन्दर घुड़की-ऐसी लड़की जिसका प्रभाव न हो।
बगुला भगत-कपटी धूर्त।
बगलें झाँकना-निरुत्तर होना।
बरस पड़ना-कुद्ध होकर डाँटने-डपटने लगना।
बल्लियों उछलना-खूब खुश होना।
बायें हाथ का खेल-अति सुगम।
बाँह पकड़ना-सहायता देना।
बाग बाग होना-आनन्दित।
बाजार जोरों पर होना-काम जोरों पर होना।
बात का बतंगड़ बनाना-तुच्छ कारण से झगड़ा करना।
बात का धनी-वायदे का पक्का।
बाल की खाल उतारना-व्यर्थ में सूक्ष्म विवेचना करना।
बाल पकना-बूढ़ा हो जाना, अनुभव प्राप्त करना।
बाल बाल बचना-हानि पहुँचने में जरा-सी कसर रह जाना।
बाल भी बाँका न होना-जरा भी हानि न होना।
बालू की भीत-शीघ्र ही नष्ट होने वाला। .
बीड़ा उठाना-जिम्मेदारी लेना।
बेगार टालना-दिल लगाकर काम न करना।
बे-सिर पैर का -असंबद्ध होना।
बोलबाला होना-प्रसिद्ध होना।
बोली मारना-व्यंग्य के शब्द कहना।
भंडा फूटना-भेद खुलना।
भनक पड़ना-खबर दे जाना।
भाड़ झोंकना-व्यर्थ समय गँवाना।
भाड़े का टटू-किराये का आदमी।
भिड़ के छत्ते को छेड़ना-फसादी आदमी को छेड़ना।
मक्खियाँ मारना-बेकार फिरना।
मक्खी चूस-बहुत कंजूस।
मक्खी पर मक्खी मारना-ज्यों की त्यों नकल करना।
मन में लड्डू खाना-मन ही मन में खुश होना।
मगज चाटना-तंग करना।
माथा ठनकना-आशंका होना।
मारा मारा फिरना-दुर्गति होना।
मिट्टी करना-नष्ट करना।
मिट्टी का माधो-मूर्ख।
मिट्टी पलीत करना-खराब करना।
मुँह चलाना-बकना।
मुँह ताकना-अकर्मण्य होकर दूसरे का आश्रय ढूँढ़ना।
मुँह-तोड़ जवाब देना- पूरा-पूरा जवाब देना।
मुँह धोना-आशा न करना।
मैहक हो जाना-चेहरे का रंग उतर जाना।
मुँह में कालिख लगना-अपमानित होना।
मुँह में खून लगना-चस्का पड़ना।
मुँह में पानी भर आना-खाने को ललचाना।
मुँह लगाना-अधिक स्वतन्त्रता दे देना।
मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना।
मुट्ठी में करना-वश में करना।
मोटा शिकार-मालदार आदमी।
मोम होना-दया गाना।
मौत सिर पर खेलना-मौत करीज होना।
युग-युग तक-बहुत दिनों तक।
रंग चढ़ना-प्रभाव होना।
रंग-ढंग-हाल, दशा, स्थिति आदि।
रंगा सियार-धोखेबाज।
रफूचक्कर होना-दौड़ जाना।
राई का पहाड़ बनाना-तुच्छ बात को बढ़ाकर कहना।
रात-दिन-हमेशा।
रास्ता देखना-प्रतीक्षा करना।
लंका कांड होना-खूब मारपीट होना।
लँगोटिया यार-घनिष्ठ मित्र।
लंबी-चौड़ी हाँकना-व्यर्थ बातें करना।
लटू होना-मस्त होना।
लहू के घूँट पीना-क्रोध करना।
लहू पसीना एक करना-बहुत परिश्रम करना।
लुटिया डुबाना-काम बिल्कुल बिगाड़ देना।
लेने के देने पड़ जाना-लाभ के स्थान में हानि होना।
लोहा मानना-अधीनता स्वीकार करना।
लोहे के चना चबाना-कठिन काम करना।
विष उगलना-दुर्वचन कहना।
शैतान के कान कतरना-बहुत चालाक होना।
श्रीगणेश करना- प्रारम्भ करना।
सफेद झूठ-सरासर झूठ।
सब्जबाग दिखाना-बहकाना।
समझ पर पत्थर पड़ना-बुद्धि भ्रष्ट होना।
साँप छछूँदर की दशा-दुविधा।
सात घाट का पानी पीना-अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना।
सात पाँच-चालाकी।
सिक्का बैठना-प्रभुत्व जमाना।
सितारा चमकना-भाग्य उदय होना।
सिर आँखों पर-सादर स्वीकार।
सिर चढ़ाना-(1) प्राण न्यौछावर करना, (2) लाड़ला बनाना।
सिर धुनना-हाथ मलना, पछताना।
सिर नीचा होना-अप्रतिष्ठा होना।
सिर पर आ जाना-बहुत समीप आ जाना।
सिर पर खून सवार होना-जान लेने पर उतारू होना।
सिर पर खेलना-कठिन काम करना।
सिर पर हाथ धरना-सहायता करना।
सिर पर सवार होना-पीछे लग जाना।
सिर मुंडना-ठगना।
सिर पर कफन बाँधना-मरने को तैयार।
सिर से पैर तक-आदि से अन्त तक।
सीधे मुँह बात न करना-अभिमान करना।
सोने की चिड़िया हाथ से निकल जाना-आय का द्वार बन्द हो जाना।
सौ बात की एक बात-निचोड़।
स्वाहा करना-फूँक डालना।
हँसते हँसते-प्रसन्नता से।
हँसी उड़ाना-व्यंग्यपूर्ण निन्दा करना।
हजामत करना-लूटना।
हड्डियाँ निकल आना-शरीर दुबला होना।
हथियार डाल देना-हार मान लेना।
हराम का-बेईमानी से प्राप्त।
हवा में उड़ाना-झूठी खबर फैलाना।
हवा से बातें करना-अति वेग से चलना।
हवा हो जाना-भाग जाना।
हाँ में हाँ मिलाना-खुशामद पर दूसरों का मत मान लेना।
हाथ उठाना यह गाना
-
मारना।
हाथ काटना-प्रतिज्ञा आदि से बद्ध हो जाना।
हाथ की मैल-तुच्छ वस्तु।
हाथ के तोते उड़ जाना- अकस्मात् शोक समाचार सुनकर सहम जाना।
हाथ खींचना-सहायता बन्द करना।
हाथ डालना-आरम्भ करना।
हाथ तंग होना-खर्च करने को थोड़ा धन होना।
हाथ धोकर पीछे पड़ना-बुरी तरह पीछे लगना।
हाथ धो बैठना-खो देना।
हाथ पकड़ना-सहायता देना।
हाथ पर हाथ धरे बैठना-निकम्मा बैठना।
हाथ पसारना-माँगना।
हाथ-पैर जोड़ना-दीनता दिखाना।
हाथ-पैर मारना-परिश्रम करना।
हाथ मलना-पछताना।
हाथ साफ करना-बेईमानी से ठगना।
हाथों हाथ-बहुत जल्दी।
हुक्का पानी बन्द करना-बहिष्कार करना।
होश उड़ना-भय या आशंका से दुखी होना।
धन्यवाद !
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