संज्ञाओं की कारक-रवना
विभक्तियों के योग संज्ञाओं के रूप में जो विकार होते हैं उनके कुछ एक
नियम नीचे दिये जाते हैं
एकवचन में
(1) पुल्लिंग आकारान्त संज्ञाओं के एकवचन में विभक्तियों में अन्तिम
'आ' को 'ए' हो जाता है, किन्तु जहाँ कुत्ता और कर्म कारक में 'ने' और 'को
चिह्न नहीं लगते वहाँ 'आ' ही रहता है। जैसे-लड़का-लड़के ने लड़के को।
परन्तु जिन आकारान्त पुल्लिग संज्ञाओं का विभक्ति-रहित बहुवचन में रूप नहीं बदलता अर्थात् जिन शब्दों के विभक्ति-रहित बहुवचन में अन्तिम 'आ' को 'ए' नहीं होता (जो पृष्ठ 47 पर दिये नियम 1 से अपवाद हैं) वे एकवचन में विभक्ति से पूर्व भी अविकृत रहते हैं, अर्थात् उनके अन्तिम 'आ' का 'ए' नहीं होता। जैसे-राजा ने, को। मुखिया, अगुआ, बाप दादा आदि कुछ शब्दों के अन्तिम 'आ' को 'ए' विकल्प से होता है। जैसे-मुखिया ने, मुखिये ने मुखिया को, मुखिये को।
(2) शेष सब पुल्लिंग और स्त्रीलिंग संज्ञा अविकृत रहती हैं। जैसे
धन में, गौ का, मृत्यु से आदि।
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बहुवचन में
(1) अकारान्त पुल्लिंग, सम्पूर्ण अकारान्त (पुल्लिग और स्त्रीलिंग दोनों
तथा 'इया' प्रत्यान्त शब्दों के अन्तिम 'आ' और 'अ' को 'ओ' और संबोधन
'ओ' हो जाता है, जैसे-घोड़ा-घोड़ों (ने, को...), बालक-बालकों (ने
को....) बहन-बहनों (ने, को....) डिबिया-डिबियों (को, की)।
(2) आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों (मामा आदि शब्दों मामा, पिता, राजा, देवता
चन्द्रमा, सूरमा....) तथा उ, ऊ, ए, ऐ, औ इनमें से कोई जिनके अन्त में हो ऐसे
संपूर्ण पुल्लिग तथा स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में 'ओ' और संबोधन में 'ओ' जोडा जाता है। ऊकारान्त शब्दों का 'ऊ' हस्व हो जाता है। शाला-शालाओं का. राजा-राजाओं का, साधु-साधुओं को, बहू-बहुओं को।
मुखिया, अगुआ और बाप-दादा शब्दों में अन्तिम 'आ' के स्थान में 'ओ'
होता है अथवा शब्दों के अन्त में 'ओं' जोड़ा जाता है, जैसे-मुखियों को
मुखियाओं को।
(3) इकारान्त तथा ईकारान्त सम्पूर्ण पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त
में 'यों' संबोधन में 'यो' लगाया जाता है, ईकारान्त शब्दों का अन्तिम ईकार हस्व हो जाता है, जैसे पतियों को, नारियों को।
(4) तत्सम संस्कृत संज्ञाओं के संबोधन के रूप संस्कृत के अनुसार भी प्रयुक्त
होते हैं। जैसे-प्रभो, राजन्, प्रिये, पत्नी, नंगे।
(5) व्यंजनात् संज्ञाओं के रूप भी आकारान्त संज्ञाओं के समान ही होते हैं,
जैसे-विद्वान्-विद्वानों को।
ऊपर लिखे नियमों को प्रयोग में दिखाने के लिए कई एक संज्ञाओं के पूरे रूप
आगे दिये जाते हैं।
संज्ञाओं की रूपावली
अकारान्त पुल्लिंग-बालक
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता बालक, बालक बालक, बालकों के
कर्म बालक, बालक को बालक, बालकों को
करण बालक से बालकों से
संप्रदान बालक को बालकों को
अपादान बालक से बालकों से
सम्बन्ध बालक का, के, की बालकों का, के, की
अधिकरण बालक में, पर बालकों में, पर
संबोधन (हे) बालक (हे) बालकों
इसी प्रकार सभी अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप होंगे। अकारान्त स्त्रीलिंग
शब्दों के रूप भी इसी तरह होते हैं, केवल विभक्ति रहित कर्ता और कर्म के
पहचान में अन्त के 'अ' को 'ऐ' हो जाता है। यथा ---
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता बहन, बहन ने बहनें, बहनों ने
कर्म बहन, बहन को बहनें, बहनों को
शेष बालक शब्द की तरह । रात बात आदि अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप
भी इसी तरह होंगे।
आकारान्त पुल्लिग-लड़का शब्द
कर्ता लड़का, लड़के ने लड़के, लड़कों ने
कर्म लड़का, लड़के की लड़के, लड़कों को
करण लड़के से लड़कों से
सम्प्रदान लड़के को लड़कों को
अपादान लड़के से लड़कों से
सम्बन्ध लड़के का, के की लड़कों का, के, की
अधिकरण लड़के में, पर लड़कों में, पर
सम्बोधन (हे) लड़के (हे) लड़की
इसी प्रकार बच्चा, पहिया, घोड़ा आदि अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप
होंगे। किन्तु जो शब्द पृष्ठ 47 पर दिये गये नियम (1) के अपवाद हैं उनके
एकवचन में 'आ' को 'ए' नहीं होता। उनके रूप नीचे दिये राजा शब्द के समान होंगे।
आकारान्त पुल्लिंग राजा शब्द
कर्ता राजा, राजा ने राजा, राजाओं ने
कर्म राजा, राजा को राजा, राजाओं को
करण राजा से राजाओं से
सम्प्रदान राजा को राजाओं को
अपादान राजा से राजाओं से
सम्बन्ध राजा का, के, की राजाओं का, के, की
अधिकरण राजा में, पर राजाओं में, पर
संबोधन (हे) राजा (हे) राजाओं
इसी प्रकार पिता, चन्द्रमा, दरिया आदि शब्दों के भी रूप होते हैं।
आकारान्त पुल्लिंग बापदादा शब्द
कर्ता बापदादा बापदादा ने (बापदादे)
बापदादा ने (बापदादे ने) बापदादाओं ने (बापदादों ने)
कर्म बापदादा बापदादा (बापदादा) (बापदादा)
बापदादा को (बापदादे को) बापदादाओं को (बापदादाओं को)
इसी तरह सब कारक में विकल्प से दो-दो रूप बनते हैं, एक 'राजा' शब्द
की तरह, दूसरा लड़का' शब्द।
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति-रहित बहुवचन में
मात्राएँ शालाएँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'राजा' के समान होते हैं।
'इया' प्रत्यायान्त स्त्रीलिंग 'बुढ़िया' शब्द
कर्ता बुढ़िया, बुढ़िया ने बुढ़ियाँ, बुढ़ियों ने
कर्म बुढ़िया, बुढ़िया को बुढ़ियाँ, बुढ़ियों को
सम्बोधन (हे) बुढ़िया (हे) बुढ़िया
'इया' पुल्लिंग 'पति'शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता पति, पति ने पति, पतियों को
कर्म पति, पति को पति, पतियों को
करण पति से पतियों से
सम्प्रदान पति को पतियों को
अपादान पति से पतियों से
सम्बन्ध पति का, के, की पतियों का, के, की
अधिकरण पति में, पतियों में
सम्बोधन (हे) पति (हे) पतियों
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति-रहित बहुवचन में
'मतियाँ' गतियाँ' आदि रूप होते हैं। शेष स्वरूप' के समान।
इकारान्त पुल्लिंग धोबी शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्त धोबी, धोबी ने धोबी, धोबियों ने
कर्म धोबी को धोबी, धोबियों को
करण धोबी से धोबियों से
सम्प्रदान धोबी को धोबियों को
अपादान धोबी से धोबियों से
सम्बन्ध धोबी, का, के, की धोबियों का, के, की
अधिकरण धोबी के में, पर धोबियों में, पर
सम्बोधन (हे) धोबी (हे) धोबियों
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति रहित बहुवचन में
लड़कियाँ, देवियाँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप'धोबी' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग गुरु शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता गुरु, गुरु ने गुरु, गुरुओं ने
कर्म गुरु, गुरु को गुरु, गुरुओं को
करण गुरु से गुरुओं से
सम्प्रदान गुरु को गुरुओं को
अपादान गुरु से गुरुओं से
सम्बन्ध गुरु का, के, की गुरुओं का, के, की
अधिकरण गुरु में, पर गुरुओं में, घर
सम्बोधन (हे) गुरु (हे) गुरुओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इस प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म को विभक्ति रहित बहुवचन
वस्तुएँ आदि रूप होते हैं। शेष रूप 'गुरु' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग डाकू शब्द
कर्ता डाकू, डाकू ने डाकू, डाकुओं ने
कर्म डाकू, डाकू को डाकू, डाकुओं को
करण डाकू से डाकुओं से
सम्प्रदान डाकू को डाकुओं को
अपादान डाकू से डाकुओं से
सम्बन्ध डाकू का, के, की डाकुओं का, के की
अधिकरण डाकू में; पर डाकुओं में, पर
सम्बोधन (हे) डाकू (हे) डाकुओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के विभक्ति-रहित कर्ता और कर्म के बहुवचन
'बहुएँ', 'जोरुएँ' आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'डाकू' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग दुबे शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता दुबे, दुबे ने दुबे, दुबेओं ने
कर्म दुबे, दुबे को दुबे, दुबेओं को
करण दुबे से दुबेओं से
सम्प्रदान दुबे को दुबेओं को
अपादान दुबे से दुबेओं से
सम्बन्ध दुबे का, के; की दुबेओं का, के की,
अधिकरण दुबे में, पर दुबेओं में, पर
सम्बोधन (हे) दुबे (हे) दुबेओं
अन्य एकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण नहीं मिलते।
अकारान्त पुल्लिंग राम शब्द
कर्ता माधो, माधो ने माधो, माधाओं ने
कर्म माधो, माधो को माधो, माधाओं को
करण माधो से माधोओं से
सम्प्रदान माधो का माधोओं को
अपादान माधो से माधोओं से
सम्बन्ध माधो का, के, की माधोओं का, के, की
अधिकरण माधो में, पर माधोओं में, पर
सम्बोधन (हे) माधो (हे) माधोओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण नहीं मिलते।
सानुस्वर अकारान्त स्त्रीलिंग सरसों शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता सरसों, सरसों ने सरसों, सरसों ने
कर्म सरसों, सरसों को सरसों, सरसों को
इसी प्रकार अन्य कारकों में भी केवल विभक्तियाँ साथ जोड़ ली जायेंगी।
अन्य अनुस्वार अकारान्त शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग जौ शब्द
कर्ता जौ, जौ ने जौ, जौओं ने
कर्म जौ, जौ को जौ, जौओं को
संबोधन (हे) जौ (हे) जौओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म को विभक्ति-रहित बहुवचन में
गौएँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'जौ' के समान होते हैं।
धन्यवाद!
विभक्तियों के योग संज्ञाओं के रूप में जो विकार होते हैं उनके कुछ एक
नियम नीचे दिये जाते हैं
एकवचन में
(1) पुल्लिंग आकारान्त संज्ञाओं के एकवचन में विभक्तियों में अन्तिम
'आ' को 'ए' हो जाता है, किन्तु जहाँ कुत्ता और कर्म कारक में 'ने' और 'को
चिह्न नहीं लगते वहाँ 'आ' ही रहता है। जैसे-लड़का-लड़के ने लड़के को।
परन्तु जिन आकारान्त पुल्लिग संज्ञाओं का विभक्ति-रहित बहुवचन में रूप नहीं बदलता अर्थात् जिन शब्दों के विभक्ति-रहित बहुवचन में अन्तिम 'आ' को 'ए' नहीं होता (जो पृष्ठ 47 पर दिये नियम 1 से अपवाद हैं) वे एकवचन में विभक्ति से पूर्व भी अविकृत रहते हैं, अर्थात् उनके अन्तिम 'आ' का 'ए' नहीं होता। जैसे-राजा ने, को। मुखिया, अगुआ, बाप दादा आदि कुछ शब्दों के अन्तिम 'आ' को 'ए' विकल्प से होता है। जैसे-मुखिया ने, मुखिये ने मुखिया को, मुखिये को।
(2) शेष सब पुल्लिंग और स्त्रीलिंग संज्ञा अविकृत रहती हैं। जैसे
धन में, गौ का, मृत्यु से आदि।
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बहुवचन में
(1) अकारान्त पुल्लिंग, सम्पूर्ण अकारान्त (पुल्लिग और स्त्रीलिंग दोनों
तथा 'इया' प्रत्यान्त शब्दों के अन्तिम 'आ' और 'अ' को 'ओ' और संबोधन
'ओ' हो जाता है, जैसे-घोड़ा-घोड़ों (ने, को...), बालक-बालकों (ने
को....) बहन-बहनों (ने, को....) डिबिया-डिबियों (को, की)।
(2) आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों (मामा आदि शब्दों मामा, पिता, राजा, देवता
चन्द्रमा, सूरमा....) तथा उ, ऊ, ए, ऐ, औ इनमें से कोई जिनके अन्त में हो ऐसे
संपूर्ण पुल्लिग तथा स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में 'ओ' और संबोधन में 'ओ' जोडा जाता है। ऊकारान्त शब्दों का 'ऊ' हस्व हो जाता है। शाला-शालाओं का. राजा-राजाओं का, साधु-साधुओं को, बहू-बहुओं को।
मुखिया, अगुआ और बाप-दादा शब्दों में अन्तिम 'आ' के स्थान में 'ओ'
होता है अथवा शब्दों के अन्त में 'ओं' जोड़ा जाता है, जैसे-मुखियों को
मुखियाओं को।
(3) इकारान्त तथा ईकारान्त सम्पूर्ण पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त
में 'यों' संबोधन में 'यो' लगाया जाता है, ईकारान्त शब्दों का अन्तिम ईकार हस्व हो जाता है, जैसे पतियों को, नारियों को।
(4) तत्सम संस्कृत संज्ञाओं के संबोधन के रूप संस्कृत के अनुसार भी प्रयुक्त
होते हैं। जैसे-प्रभो, राजन्, प्रिये, पत्नी, नंगे।
(5) व्यंजनात् संज्ञाओं के रूप भी आकारान्त संज्ञाओं के समान ही होते हैं,
जैसे-विद्वान्-विद्वानों को।
ऊपर लिखे नियमों को प्रयोग में दिखाने के लिए कई एक संज्ञाओं के पूरे रूप
आगे दिये जाते हैं।
संज्ञाओं की रूपावली
अकारान्त पुल्लिंग-बालक
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता बालक, बालक बालक, बालकों के
कर्म बालक, बालक को बालक, बालकों को
करण बालक से बालकों से
संप्रदान बालक को बालकों को
अपादान बालक से बालकों से
सम्बन्ध बालक का, के, की बालकों का, के, की
अधिकरण बालक में, पर बालकों में, पर
संबोधन (हे) बालक (हे) बालकों
इसी प्रकार सभी अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप होंगे। अकारान्त स्त्रीलिंग
शब्दों के रूप भी इसी तरह होते हैं, केवल विभक्ति रहित कर्ता और कर्म के
पहचान में अन्त के 'अ' को 'ऐ' हो जाता है। यथा ---
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता बहन, बहन ने बहनें, बहनों ने
कर्म बहन, बहन को बहनें, बहनों को
शेष बालक शब्द की तरह । रात बात आदि अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप
भी इसी तरह होंगे।
आकारान्त पुल्लिग-लड़का शब्द
कर्ता लड़का, लड़के ने लड़के, लड़कों ने
कर्म लड़का, लड़के की लड़के, लड़कों को
करण लड़के से लड़कों से
सम्प्रदान लड़के को लड़कों को
अपादान लड़के से लड़कों से
सम्बन्ध लड़के का, के की लड़कों का, के, की
अधिकरण लड़के में, पर लड़कों में, पर
सम्बोधन (हे) लड़के (हे) लड़की
इसी प्रकार बच्चा, पहिया, घोड़ा आदि अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप
होंगे। किन्तु जो शब्द पृष्ठ 47 पर दिये गये नियम (1) के अपवाद हैं उनके
एकवचन में 'आ' को 'ए' नहीं होता। उनके रूप नीचे दिये राजा शब्द के समान होंगे।
आकारान्त पुल्लिंग राजा शब्द
कर्ता राजा, राजा ने राजा, राजाओं ने
कर्म राजा, राजा को राजा, राजाओं को
करण राजा से राजाओं से
सम्प्रदान राजा को राजाओं को
अपादान राजा से राजाओं से
सम्बन्ध राजा का, के, की राजाओं का, के, की
अधिकरण राजा में, पर राजाओं में, पर
संबोधन (हे) राजा (हे) राजाओं
इसी प्रकार पिता, चन्द्रमा, दरिया आदि शब्दों के भी रूप होते हैं।
आकारान्त पुल्लिंग बापदादा शब्द
कर्ता बापदादा बापदादा ने (बापदादे)
बापदादा ने (बापदादे ने) बापदादाओं ने (बापदादों ने)
कर्म बापदादा बापदादा (बापदादा) (बापदादा)
बापदादा को (बापदादे को) बापदादाओं को (बापदादाओं को)
इसी तरह सब कारक में विकल्प से दो-दो रूप बनते हैं, एक 'राजा' शब्द
की तरह, दूसरा लड़का' शब्द।
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति-रहित बहुवचन में
मात्राएँ शालाएँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'राजा' के समान होते हैं।
'इया' प्रत्यायान्त स्त्रीलिंग 'बुढ़िया' शब्द
कर्ता बुढ़िया, बुढ़िया ने बुढ़ियाँ, बुढ़ियों ने
कर्म बुढ़िया, बुढ़िया को बुढ़ियाँ, बुढ़ियों को
सम्बोधन (हे) बुढ़िया (हे) बुढ़िया
'इया' पुल्लिंग 'पति'शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता पति, पति ने पति, पतियों को
कर्म पति, पति को पति, पतियों को
करण पति से पतियों से
सम्प्रदान पति को पतियों को
अपादान पति से पतियों से
सम्बन्ध पति का, के, की पतियों का, के, की
अधिकरण पति में, पतियों में
सम्बोधन (हे) पति (हे) पतियों
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति-रहित बहुवचन में
'मतियाँ' गतियाँ' आदि रूप होते हैं। शेष स्वरूप' के समान।
इकारान्त पुल्लिंग धोबी शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्त धोबी, धोबी ने धोबी, धोबियों ने
कर्म धोबी को धोबी, धोबियों को
करण धोबी से धोबियों से
सम्प्रदान धोबी को धोबियों को
अपादान धोबी से धोबियों से
सम्बन्ध धोबी, का, के, की धोबियों का, के, की
अधिकरण धोबी के में, पर धोबियों में, पर
सम्बोधन (हे) धोबी (हे) धोबियों
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म के विभक्ति रहित बहुवचन में
लड़कियाँ, देवियाँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप'धोबी' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग गुरु शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता गुरु, गुरु ने गुरु, गुरुओं ने
कर्म गुरु, गुरु को गुरु, गुरुओं को
करण गुरु से गुरुओं से
सम्प्रदान गुरु को गुरुओं को
अपादान गुरु से गुरुओं से
सम्बन्ध गुरु का, के, की गुरुओं का, के, की
अधिकरण गुरु में, पर गुरुओं में, घर
सम्बोधन (हे) गुरु (हे) गुरुओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इस प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म को विभक्ति रहित बहुवचन
वस्तुएँ आदि रूप होते हैं। शेष रूप 'गुरु' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग डाकू शब्द
कर्ता डाकू, डाकू ने डाकू, डाकुओं ने
कर्म डाकू, डाकू को डाकू, डाकुओं को
करण डाकू से डाकुओं से
सम्प्रदान डाकू को डाकुओं को
अपादान डाकू से डाकुओं से
सम्बन्ध डाकू का, के, की डाकुओं का, के की
अधिकरण डाकू में; पर डाकुओं में, पर
सम्बोधन (हे) डाकू (हे) डाकुओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के विभक्ति-रहित कर्ता और कर्म के बहुवचन
'बहुएँ', 'जोरुएँ' आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'डाकू' के समान होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग दुबे शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता दुबे, दुबे ने दुबे, दुबेओं ने
कर्म दुबे, दुबे को दुबे, दुबेओं को
करण दुबे से दुबेओं से
सम्प्रदान दुबे को दुबेओं को
अपादान दुबे से दुबेओं से
सम्बन्ध दुबे का, के; की दुबेओं का, के की,
अधिकरण दुबे में, पर दुबेओं में, पर
सम्बोधन (हे) दुबे (हे) दुबेओं
अन्य एकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण नहीं मिलते।
अकारान्त पुल्लिंग राम शब्द
कर्ता माधो, माधो ने माधो, माधाओं ने
कर्म माधो, माधो को माधो, माधाओं को
करण माधो से माधोओं से
सम्प्रदान माधो का माधोओं को
अपादान माधो से माधोओं से
सम्बन्ध माधो का, के, की माधोओं का, के, की
अधिकरण माधो में, पर माधोओं में, पर
सम्बोधन (हे) माधो (हे) माधोओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण नहीं मिलते।
सानुस्वर अकारान्त स्त्रीलिंग सरसों शब्द
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता सरसों, सरसों ने सरसों, सरसों ने
कर्म सरसों, सरसों को सरसों, सरसों को
इसी प्रकार अन्य कारकों में भी केवल विभक्तियाँ साथ जोड़ ली जायेंगी।
अन्य अनुस्वार अकारान्त शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त पुल्लिंग जौ शब्द
कर्ता जौ, जौ ने जौ, जौओं ने
कर्म जौ, जौ को जौ, जौओं को
संबोधन (हे) जौ (हे) जौओं
अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप भी इसी प्रकार होते हैं।
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के कर्ता और कर्म को विभक्ति-रहित बहुवचन में
गौएँ आदि रूप होते हैं। शेष सब रूप 'जौ' के समान होते हैं।
धन्यवाद!
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