Saturday, January 23, 2021

नवाँ अध्याय / सम्बन्ध-बोधक अव्यय

       

                                                 नवाँ अध्याय

                                            सम्बन्ध-बोधक अव्यय



             जो अव्यय संज्ञा अथवा सर्वनाम के पीछे जाकर उनका वाक्य के दूसरे शब्दों से सम्बन्ध सूचित करते हैं उन्हें सम्बन्ध-बोधक अव्यय कहा जाता है। ये अव्यय प्रायः संज्ञा सर्वनाम के बाद आते हैं पर कभी संज्ञा या सर्वनाम के पूर्व भी प्रयुक्त होते हैं। जैसे परिश्रम बिना मनुष्य का कुछ नहीं बनता, बिना परिश्रम के कुछ नहीं मिलता; मारे दुःख के वह व्याकुल था, भूख के मारे चल न सकता था, बाजार से स्टेशन तक का मार्ग दो मील हैं-इन वाक्यों में 'बिना', 'मारे', 'तक सम्बन्ध-बोधक अव्यय हैं।

       प्रयोग के अनुसार सम्बन्ध बोधक अव्यय के दो भेद किये जा सकते हैं-

        (1) सम्बद्ध (2) अनुबद्ध।

       (क) सम्बन्ध-बोधक अव्यय संज्ञाओं या सर्वनामों की विभक्तियों के बाद आते हैं। भीतर, समीप, पास, नजदीक, बराबर, पीछे, आगे, परे आदि ऐसे सम्बन्ध-बोधक हैं। जैसे-घर के भीतर, घर की ओर, घर के पीछे, घर के आगे, घर से परे।

             इन अव्ययों से पहले प्राय: सम्बन्ध कारक की विभक्तियाँ (का, के, की; रा, रे, री) आती हैं। पर कुछ अव्यय ऐसे भी हैं, जिनके पहले नित्य ही अपादन की 'से' विभक्ति आती है और कुछ ऐसे जिनमें सम्बन्ध कारक या अपादान कारक दोनों का प्रयोग होता है। जैसे-मैं इनसे पहले आया हूँ, उनका घर तुम्हारे मकान से परे है। घर से बाहर, घर के बाहर । उससे पहले, उनके पहले। 

      (ख) अनुबद्ध सम्बन्ध-बोधक अव्यय संज्ञा के निर्विभक्तिक विकृत रूप के साथ ही आते हैं। जैसे पर्यन्त, सहित, तक, पर, रहित, हीन, सा, मात्र, भर सरीखा-दो महीनों तक मैं यहीं रहूँगा भरत सरीखा भाई बड़ी कठिनता से मिलता है। घड़े भर पानी के लिए दो रुपये दिए। घर तक आना कठिन हो गया है।  

             पर कुछ अव्यय ऐसे भी हैं जिनके पहले विभक्ति सहित तथा विभक्ति रहित दोनों तरह की संज्ञाएँ आती हैं। जैसे द्वारा, विना, तले, अनुसार गोपाल द्वारा (गोपाल के द्वारा) मुझे यह कार्य मिला। सीता बिना (सीता के बिना) राम और लक्ष्मण का जंगल में रहना कठिन था।

            सा, जैसा, सरीखा आदि कुछ आकारान्त सम्बन्ध बोधकों का रूप संज्ञा या सर्वनाम के लिग और वचन के अनुसार बदल भी जाता है और ठनके पहले आवश्यकतानुसार 'का, या 'की' विभक्ति आती है। जैसे सोने की सी रंगत, अंडे का सा आकार, कर्ण जैसे दानी, सीता जैसी सती, मुझ जैसा नन्हा सा चूहा भी आप जैसे बड़े सिह की सहायता कर सकता है।


मुख्य-मुख्य सम्बन्ध-बोधक शब्दों की सूची और उनका प्रयोग आगे दिया जाता है  - 

         ओर          राम की ओर          आगे          मोहन के आगे

         नाई          पंडित की नाई         पीछे         तुम्हारे पीछे

         सामने       राजा के सामने        पहले        वर्षा के (से) पहले

          रहे           दो घड़ी दिन रहे        द्वारा        हरि के द्वारा

         ऊपर        छत के ऊपर           समान       उसके समान

         नीचे         पेड़ के नीचे             तुल्य        ऋषि के तुल्य

         तले          दीवार के तले          सदृश        तुम्हारे सदृश

         भीतर        घर के भीतर          प्रतिकूल     मेरे प्रतिकूल

         पास          रानी के पास          विरुद्ध       मेरे विरुद्ध

         निकट       उसके निकट          मध्य          दोनों के मध्य

         समीप       उसके समीप          विषय        उसके विषय में 

         तक          दो दिन तक           बाहर         घर के बाहर

        निमित्त      उसके निमित्त         परे            शक्ति से परे

        कारण        मेरे कारण            समेत         जय समेत

        साधारणतः सम्बन्ध-बोधक शब्दों के पीछे विभक्ति नहीं आतीं, पर कहीं- कहीं विभक्ति लग भी जाती है। जैसे, मेरे सामने की बात है, दीवाली के आस पास की खबर है।

         कई कालवाचक और स्थानवाचक अव्यय सम्बन्धबोधक और क्रिया-विशेषण दोनों होते हैं। जब उनका प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के साथ होता है तब वे सम्बन्धबोधक अव्यय होते हैं और जब वे स्वतन्त्र रूप से क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं तब क्रिया विशेषण होते हैं।

          ऊपर मत चढ़ी                                (क्रियाविशेषण)

          हम छत के ऊपर सोते हैं                   (सम्बन्धबोधक)

          वह बहुत पीछे आया                         (क्रियाविशेषण)

          वह मेरे पीछे आया                            (सम्बन्धबोधक)

          यह काम पहले करो                          (क्रियाविशेषण)

          यह काम दोपहर के पहले करो            (सम्बन्धबोधक)

          कबूतर नीचे उतर आया                     (क्रियाविशेषण)

         कबूतर पेड़ के नीचे गिर गया               (सम्बन्धबोधक)


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