Thursday, February 4, 2021

पाँचवाँ अध्याय / वाक्य विग्रह

 

                पाँचवाँ अध्याय

                 वाक्य विग्रह

            वाक्य के उद्देश्य, विधेय तथा दूसरे अंशों को अलग-अलग करके दिखाने की रीति को वाक्य-विग्रह या वाक्य विश्लेषण कहते हैं। वाक्य-विग्रह प्रणाली हिन्दी में अंग्रेजी से आई है। इस प्रणाली में वाक्यान्तर्गत शब्दों का परस्पर सम्बन्ध जानने तथा वाक्य के अर्थ के बोध में पर्याप्त सहायता मिलती है।

            वाक्य-विग्रह करने से पूर्व यह निश्चित कर लेना चाहिए कि वाक्य सरल है, मिश्रित या संयुक्त । फिर आगे दी हुई विधि के अनुसार उसका विग्रह करना चाहिए।

    

                      1. सरल वाक्य का विग्रह

सरल वाक्य के विग्रह में नीचे लिखी बातें दिखानी चाहिए

   1. उद्देश्य पद (कर्ता)।

   2. उद्देश्य पर (कर्ता) का जिन पदों द्वारा विस्तार किया गया हो।

   3. विधेय पद (क्रिया)। यदि क्रिया का कोई पूरक हो तो वह भी साथ ही दिखाना चाहिए। 

   4. विधेय का विस्तार। इसमें यदि कर्म हो तो पहले उसका निर्देश करना चाहिए, कर्म का यदि कोई विस्तार हो उसे भी साथ ही दिखा देना चाहिए, और उसके बाद क्रिया विशेषण तथा जिन अन्य पदों से क्रिया का विस्तार हुआ हो उन्हें देखना चाहिए।


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    5. विस्मयादिबोधक अव्यय का सम्बन्ध वाक्य के किसी विशेष शब्द से नहीं होता। वह वाक्य का कोई अवयव नहीं समझा जाता। इसलिए वाक्य-विग्रह में विस्मयादिबोधक अव्ययों को छोड़ दिया जाता है।

   6. संबोधन कारक प्रायः किसी सर्वनाम (कर्त्ता) का समानाधिकरण होता है। जैसे-देवदत्त! तुम इधर आओ। इसलिए वाक्य-विग्रह में उसे उद्देश्य के विस्तार के अन्तर्गत रखते हैं। सम्बोधन कारक किसी सर्वनाम ( या संज्ञा) का समानाधिकरण न हो तो उसे छोड़ देना चाहिए। जैसे- श्रीमान्, मैं दिल्ली से आया हूँ।



     2. मिश्रित वाक्य का विग्रह

           मिश्रित वाक्य के विग्रह में प्रधान खण्ड वाक्य कौन है, और आश्रित खण्ड वाक्य कौन, यह निर्देश करके यह बताया जाता है कि आश्रित खण्ड वाक्य संज्ञा वाक्य है, विशेषण वाक्य है, या क्रियाविशेषण वाक्य । तत्पश्चात् प्रत्येक खण्ड का विग्रह अलग-अलग सरल वाक्य की तरह किया जाता है।



      3. संयुक्त वाक्य का विग्रह

           संयुक्त वाक्य के विग्रह में, जिन-जिन परस्पर निरपेक्ष ( प्रधान) वाक्यों के मेल से संयुक्त वाक्य बना हो उनको और उनके योजकों को अलग-अलग दिखाना चाहिए और तदन्तर प्रत्येक वाक्य का जो चाहे साधारण हो या मिश्रित) लिखी रीति से विग्रह करना चाहिए।


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