(ख) द्वियर्थक शब्द
वे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ हों द्वियर्थक कहाते हैं। प्रकरण-भेद से इनमें अर्थ-भेद हो जाता है। ऐसे कुछ शब्द प्रयोग-सहित यहाँ दिये जाते हैं
अक्षर-'अ' हिन्दी वर्णमाला का पहला अक्षर (वर्ण) है।
उस अक्षर (अविनाशी), अनादि, अनन्त का स्मरण करो।
उत्तर-इस प्रश्न का उत्तर (जवाब) देना बड़ा कठिन है।
तत्पुरुष वह समास है जिसमें उत्तर (पिछला) पद प्रधान हो।
गंगा से उत्तर (दिशा का नाम) की ओर मेरा घर है।
कनक-कनक (सोना) कनक (धतूरा) से सौगुनी मादकता अधिकाय ।
आजकल कनक (गेहूँ) का क्या भाव है?
कल-कल (बीता हुआ दिन) हम स्कूल नहीं आये थे।
कल (आगे आने वाला दिन) तो छुट्टी है।
कल (चैन) न पड़त कान्ह बिन...
छापे की कल (मशीन) के प्रचार से शिक्षा में बहुत उन्नति हुई है।
काम-काम (कार्य) करो और दाम लो।
निष्काम-(बिना लालसा का)
काम करने से मोक्ष प्राप्त होता है।
काम (कामदेव) कुसुम धनु सायक लीन्हें।
सकल भुवन अपने बस कीन्हे॥
काल-काल (समय) तीन होते हैं; भूत, वर्तमान, भविष्य।
काल (यमराज) करत कलि काल (युग) में नहिं तुरकन की काल
(नाश) काल (अन्त) करत तुरकान को, सरजा करवाल ॥
पक्ष-विष्णु के बायें पक्ष (पार्श्व) में लक्ष्मी रहती हैं।
जिनके पक्ष (पंख) होते हैं उसे पक्षी कहते हैं।
बुद्धिमान निज पक्ष ( दल) और विपक्ष की शक्ति का विचार कर काम करते हैं।
अपने पक्ष (मत) के समर्थन में उसने सैकड़ों प्रमाण दिये।
शुक्ल पक्ष (पखवारे) के चन्द्रमा की तरह तुम्हारी उन्नति हो।
पत्र- बसन्त में वृक्षों पर हरे पत्र (पत्ते) क्या ही सुन्दर लगते हैं!
आज मैंने पत्र (अखबार) में पढ़ा कि अमरीका युद्ध करने को उद्यत है।
आपका प्रेम भरा पत्र (चिट्ठी) प्राप्त कर प्रसन्नता हुई।
इस पुस्तक में कितने पत्र ( पृष्ठ ) हैं ?
सोना-सोना (सुवर्ण) लेने पी गये सूना कर गये देश।
दिन को सोना (नोंद करना) ठीक नहीं।
वर्ण-वर्ण (अक्षर) वह मूल ध्वनि है जिसके टुकड़े न हो सकें।
काले वर्ण (रंग) सा सांप भयंकर होता है.
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण हैं।
और-कैलाश और (तथा) रमेश तुम्हें ढूँढने आये थे।
मुझे और (अधिक) रुपये चाहिए।
कर-आपके चरणों में कर (हाथ) जोड़ कर विनती है।
सूर्य के प्रखर करों (किरणों) से धरती जल रही थी।
मैं 50 रु० सालाना कर (टैक्स) देता हूँ।
ऐसा काम मत कर (करना क्रिया का विविधता का रूप ) ।
अंगद तुही बालि कर (का) बालक।
भाग-इसके चार भाग (टुकड़े) कर डालो।
मकान के बाएँ भाग (तरफ) में सराय है।
मैं अपना भाग (हिस्सा) तुम्हें देता हैं।
हमारा भाग (भाग्य) ही फूटा है।
इसको पाँच से भाग (गणित की क्रिया) दो ।
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