Monday, February 1, 2021

Praveshika/प्रवेशिका

 

                  Praveshika/प्रवेशिका 

               टिप्पणी लिखिए


                   Watch video lessons

         1. माँ-बाप और जन्म

           गाँधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1963 में शुमा था। वे पोरबंदर में पैदा हुए। उनके पिताजी काया गायी थे और माता पुतलीबाई थीं। दोनों सत्य-व्रती थे। पिताजी की शिक्षा स्कूल की नाही, अनुभव की थी वै राजकोट में कुछ समय तक मंत्री रहे। लोग उनके न्याय की तारीफ करते थे माताजी रोज मंदिर जाती थी। पूजा किए चना नहीं सोती थीं।

        2 लडकपन

            गाँधीजी सात साल के बालक थे। उनका परिवार राजकोट में आकर बस गया। गांधीजी वहाँ की ग्रामीण पाठशाला में भर्ती हुए। वे साधारण श्रेणी के छात्र रहे। वे संकोची थे. खेल-कूद में उनकी रुचि नहीं थी। लड़कपन से ही उनको सत्य पर आरथा रहा। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे।

       3. हाई स्कूल में

             पाठशाला की पढ़ाई के बाद गांधीजी के हाई स्कूल का जीवन शुरू हुआ। वे वहाँ शिक्षकों के प्रेम का पात्र बने। अन्य छात्र भी उनसे प्यार करते थे। पढाई में उनको कई इनाम मिले और छात्रवृत्तियों भी मिली। इनको गाँधीजी अपना भाग्य मानते थे। ये गर्व नहीं करते थे। पहले उनको खेल-कूद में रुचि नहीं थी। बाद को हेडमास्टर के समझाने पर खेल में भाग लेने लगे।

      4. विवाह और मांस-भक्षण

           (गाँधीजी के मांसाहार करने का निश्चय)

          गाँधीजी वैष्णव परिवार के थे। वे साकाहारी थे। उस समय गाँधीजी हाई स्कूल के छात्र थे। उनके एक सहपाठी ने कहा कि मांस खाने से शारीरिक बल मिलता है। अग्रेजों से लडने के लिए मांसाहार अवश्य है। गांधीजी को मालूम था कि घरवालों को मांस भक्षण की बात मालूम हुई. तो प्राण छोड़ देंगे। फिर भी अंग्रेजों से लड़ने के लिए उन्होंने मांसाहार करने का निश्चय किया।


                  **************

No comments:

Post a Comment

thaks for visiting my website

एकांकी

नमस्ते और नमस्कार - अन्तर

 नमस्ते और नमस्कार दोनों ही हिंदी में सम्मान और आदर के प्रतीक हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं: नमस्ते (Namaste) नमस्ते एक पारंपरिक हिंदू अभिवा...