Thursday, April 1, 2021

को', 'से, 'का', 'में', 'पर' आदि विभक्तियों के कुछ मुहावरेदार प्रयोग ।



         'को', 'से, 'का', 'में', 'पर' आदि विभक्तियों 

                के कुछ मुहावरेदार प्रयोग ।


'को' कर्मकारकः

        कल शाम को खेलने मत जाना। 

        दोपहर को जरूर आऊँगा।

         सोमवार को मंदिर में पूजा होगी।


को (संप्रदान कारक)

      उनको वहाँ जरूर जाना चाहिए। 

      मुझे यहाँ रहके एक महीना हो गया।


से (करण कारक)

       मैं आप से बोलना नहीं चाहता।

       आप कल जरूर मुझ से मिलिये।

       बुरा काम करने से इनकार करो।

       भगवान से प्रार्थना करो। 

      आप से पूछनेवाला वह कौन है?

       मुझे भूत पिशाचों से कुछ भी डर नहीं।


'का' संबंध कारक

           झुण्ड के झुण्ड लोग यहाँ इकडे हो गये।

           वह अब यहाँ से जाने का नहीं है।

           इस पर आपका बोलना बहुत जरूरी है 

           यह मेरी कही बात है। 

           मेरे होते तुम्हें किस बात का डर है? 

           कब का शुरू हुआ काम है यह?

           पुलिस के आते ही लोग तितर - बितर हो गये। 

           राम के तीन भाई थे। 

          यह काठ की पुतली है।

          सौ रुपये का सामान खरीद लाओ।


(में) (अधिकरण कारक)

         बात बात में लडाई छिड गयी। 

         क्या इसे एक रुपये में लोगे?

         तुम इसे कितने में खरीदोगे?


'पर' (अधिकरण)

         मैं आप से घर पर मिलूँगा।

         गाडी के आने पर स्टेशन में भीड ज्यादा हो गयी।

         साल पर साल भारत की आबादी बढ़ती ही जाती है।


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