Wednesday, April 14, 2021

कहानी - Kahani / मेहनत की कमाई

 

कहानी - Kahani

मेहनत की कमाई




          एक अमीर बाप ने अपने आलसी बेटे को बुलाकर कहा, "जा, कुछ कमा ला।" लड़का लापरवाह और निर्लज्ज था। काम करने की उसकी आदत न थी। सीधे मां के पास गया और रो-धोकर, मिन्नतें कर उसे कुछ देने को राजी करा लिया। माँ से बेटे का दुःख देखा न गया, उसने उसे पाँच रुपए बक्से से निकाल कर दे दिए।

       रात को बाप ने पूछा, "बेटा, तूने क्या कमाया?"लड़के ने झट रुपया निकालकर दिखा दिया। अनुभवी पिता सब समझ गया। उसने कहा, "जा, इसे कुएँ में फेंक आ।" लड़के ने झटपट जाकर रुपया कुएँ में डाल दिया। अगले दिन पिता ने फिर कहा "जा, कुछ कमा ला, नहीं तो आज भोजन नहीं मिलेगा।"

      लड़का अपनी बहिन के पास जाकर रोने लगा। बहिन ने तरस खाकर पाँच रुपए अपने पास से उसे दे दिए। बाप ने रात्रि में लड़के से पूछा, "आज तू क्या कमाकर लाया?" लड़के ने जेब में से निकालकर एक रुपया बाप के सामने रख दिया। बाप बोला, "जा, इसे कुएँ में फेंक आ।” लड़के ने वैसा ही किया।

      अनुभवी पिता ने पत्नी और बेटी को बाहर भेज दिया। पिता ने बेटे से प्रातः उठने पर कहा, "जा, कुछ कमा कर ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।" बेटा दिन भर सुस्त बैठा रहा। उसकी आँखों से आँसू बहते रहे। कोई उसकी सुध लेने वाला न था। विवश होकर संध्या के समय वह उठा और बाजार में मज़दूरी खोजने लगा। एक सेठ ने कहा कि, मेरा यह संदूक उठाकर घर पहुँचा दे, मैं तुझे पाँच रुपए दूँगा।"

       अमीर बाप के बेटे ने संदूक उठाकर सेठ के घर पहुँचाया। वह थककर चूर हो गया। उसके पाँव काँप रहे थे और गर्दन तथा पीठ में भयंकर दर्द हो रहा था। रात को बाप ने पूछा, "बेटा, आज तूने क्या कुछ कमाया?" लड़के ने पाँच रुपये का नोट निकालकर दिखाया। बाप बोला, "जा, इसे कुएँ में डाल आ।" लड़के को क्रोध आ गया। वह बोला, "यह मेरी मेहनत की कमाई है। मेरी गर्दन, कमर और पैर दुखने लगे हैं, आप कहते हैं कि इसे कुएँ में डाल आ ।” अनुभवी पिता सब कुछ समझ गया। अगले दिन उसने अपना सारा व्यापार लड़के के हवाले कर दिया।


   कहानी का सारांश 

   मेहनत की कमाई


         एक अमीर आदमी था। वह बडा अनुभवी था। उसका बेटा बड़ा आलसी और कामचोर था। अमीर पिता ने अपने बेटे को मेहनती बनाना चाहा। उसने बेटे से कहा जा कुछ कमा ला, नहीं तो रात का भोजन नहीं मिलेगा।

       वह कामचोर लड़का एक दिन अपनी माँ से रुपया ले लेता है तो दूसरे दिन अपनी बहन से पिता कमाई का रहस्य जानते थे, इसलिए उन पैसों को कुएं में डालने के लिए कह देते। एक दिन पिता ने अपनी पत्नी और बेटी को घर से बाहर कर दिया। अब उस

     कामचोर लड़के को पैसा देनेवाला कोई नहीं था। वह लाचार होकर नौकरी की खोज में बाजार की ओर गया।

        वह बाजार में एक सेठ से मिला। सेठ ने अपने संदूक को घर पहुंचाने के लिए कहा। लड़के ने भी संदूक सेठ के घर पहुँचाकर पाँच रुपये कमाये

       पिता ने कहा "उसे कुएँ में डालकर आओ। लड़के को गुस्सा आया और कहा कि यह मेरी कमाई है। मेरा सारा शरीर दुख रहा है। आप कहते हैं कि कुएँ में डालकर आओ। अनुभवी पिता समझ गया कि बेटा मेहनती बन गया। उसने अपना सारा व्यापार बेटे को सौंप दिया।


सीख: मेहनत की कमाई मीठी होती है।

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एकांकी

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