Thursday, April 1, 2021

शब्दों के रूप

 

                      शब्दों के रूप


शब्दों के रूप कई प्रकार के होते हैं । उनमें से कुछ निम्न हैं


1. पर्यायवाची शब्द


ऐसे दो या दो से अधिक शब्दों को जिनका अर्थ समान हो, 'पर्यायवाची' शब्द कहते हैं ।


सूर्य= रवि, दिनकर, भानु, दिवाकर, सविता ।

मेघ=बादल, अभ्र, जलधर, वारिद ।

जल=सलिल, पानी, नीर, श्रम्बु ।

रात्रि=रात. निशा, रजनी ।

चाँद =चन्द्र, शशि, निशाकर, इन्दु, विधु ।

घर=गृह, भवन, सदन, निकेतन, गेह ।

पहाड़= पर्वत, गिरि, शैल, अचल ।

राजा= नृप, भूपति, नृपति, पार्थिव ।

शेर=सिंह, केसरी, मृगपति, हरि, मृगराज।

आग=अग्नि, वह्नि, अनल, पावक । 

स्त्री =नारी, महिला, अंगना, रमणी।





4. अनेकार्थक शब्द

जो एक ही शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें 'अनेकार्थक' कहते हैं।

जैसे-

उत्तर-श्रुवतारा सदा उत्तर की ओर रहता है। (दिशा का नाम)

        प्रश्न का उत्तर दो। (जवाब)

कर-सरकार ने जनता पर कर लगाया। (टैक्स)

      आपके कर-कमलों का लिखा पत्र मिला। (हाथ)

       कर के कारण हाथी को करी कहते हैं। (सूंड) 

       काम कर। (करना क्रिया)

       सूर्य-कर-प्रकाशित दिशाएँ । (किरण)

इसी प्रकार

अर्थ-अभिप्राय, घन, प्रयोजन, हेतु

अम्बर-वस्त्र, आकाश

आलि-पंक्ति, सखी

गुरु- श्रेष्ठ, भारी, अध्यापक

गुण-विशेषता, रस्सी, सतोगुण आदि

ग्रहण-पकड़ना, (सूर्य) ग्रहण

घन-बादल, गाढा, दृढ़ तनु-शरीर, छोटा

द्विज-ब्राह्मण, पक्षी, दांत, चाँद

नाग-हाथी, साँप

तात-प्रिय, पिता, भाई

पक्ष--पंख, पन्द्रह, दिन 

पत्र-चिट्ठी, पन्ना, पंख, पता

पतंग--सूर्य, पक्षी, गुड्डी

वर्ण-अक्षर, रंग, चार वर्ण

बर-वरदान, दूल्हा, उत्तम 

विहार–बौद्ध-मन्दिर, विहरण करना

पंच-पंचायत के अधिकारी, पाँच

जड़-मूल, अचेतन, मूर्ख

गिरा-वाणी, 'गिरना' क्रिया का भूतकाल

काम-कार्य, वासना

मधु-शहद, मीठा, वसन्त, शराब, राक्षस का नाम

विधि-कानून, नियम, ब्रह्मा

मान-ब्रदर, रंग, प्रम

राग-गाना, रंग, प्रेम

5. पशु-पक्षियों की बोलियों के द्योतक शब्द

चिड़िया-चहचहाना

कोयल-कू-कू करना, कूकना 

कौवा-काँव-काँव करना

मुर्गा-बांग देना, कुकडू कू करना

मोर -कूकना

कबूतर- गुटरगू करना

कुत्ता-भौंकना

गधा  रेंकना

गाय-रंभाना

घोड़ा-हिनहिनाना 

सिंह-गरजना

हाथी-चिंघाड़ना

बैल-उकारना, हुँकारना

बिल्ली-म्याऊँ-म्याऊँ करना

बकरी - मिमियाना

शेर-दहाड़ना


6. कुछ ध्वनियाँ

रुपया-खनखनाना

शस्त्र-झनझनाना

सूखे पत्ते-मरमराना

दरवाजा-खड़खड़ाना

बरतन-खड़खड़ाना

पख-फड़फड़ाना

दांत-कटकटाना

हृदय-घड़कना

मेघ-गरजना

पानी-सरसराना

बिजली - कड़कड़ाना

आग-चटचटाना

वायु-सांय-साय करना

गीत-गूँजना

7. अनेक शब्दों के स्थान में एक शब्द


जो व्याकरण भली भांति जानता हो- वैयाकरण

जो ईश्वर को न माने - नास्तिक

जो ईश्वर को मानता हो -  आस्तिक

जो दूर की बातें सोचता हो - दूरदर्शी

जो अपनी हत्या आप करे-आत्मघाती

जो किसीका उपकार न माने- कृतघ्न

जो किसीका उपकार न भूले- कृतज्ञ

जो सब कुछ जानता हो - सर्वज्ञ

जो सब कुछ कर सकता हो- सर्वशक्तिमान्

जो धरती पर निवास करता हो- स्थलचर 

जो जन्तू पानी में रहता हो - जलचर

जिसका रंग सोने जैसा हो- सुनहरा

जिसकी कोई शक्ल न हो - निराकार

जिसे आँखों से न देख सकते हों- परोक्ष ,अदृश्य

सप्ताह में एक बार होनेवाला- साप्ताहिक

जिसकी चार भुजाएं हों- चतुर्भुज

जो मांस न खाता हो - शाकाहारी

जिसकी बुद्धि मारी गई हो-हीनबुद्धि


8. समूहवाचक शब्द

यात्रियों का-समूह 

लोगों की -भीड़

फूलों की- माला

पक्षियों की-डार

पशुओं का- रेवड, झुण्ड

सिपाहियों की सेना

अंगूरों का-गुच्छा

वस्तुओं का -भंडार

घन का-कोष

ध्वनियों का-कोलाहल

लकड़ी का-ढेर

अनाज का ढेर

विद्यार्थियों की श्रेणी 

पर्वतों की श्रेणी

गायकों की-मंडली 

राज्यों का-संघ 

मेवों की माला

धन की-राशि 

विरोधियों का-जत्था, दल

मकानों की-पंक्ति 

राजनीतिज्ञों का-दल

तारों का-मण्डल

वृक्षों का - झुण्ड

लताओं का-कुंज

चाबियों का-गुच्छा

विचारकों की समिति

पंडितों की-सभा

बातों का - जाल





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